RO.NO.12945/141
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

बारिश के बीच सितंबर 2023 के बाद पहली बार भारत के मुख्य जलाशयों में जल स्तर बढ़ा

नई दिल्ली
केंद्रीय जल आयोग ने कहा है कि पूरे भारत में भारी बारिश के बीच, सितंबर 2023 के बाद पहली बार देश के मुख्य जलाशयों का जलस्तर बढ़ा है।

आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह की तुलना में जलाशयों के जलस्तर में दो प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। इसके साथ 29 सितंबर 2023 को जारी बुलेटिन के बाद से दर्ज की गई सप्ताह-दर-सप्ताह आने वाली गिरावट रुक गई है। उस समय इनकी भंडारण क्षमता 73 प्रतिशत थी। यह सुधार देशभर में व्यापक वर्षा के बीच हुआ है।

देशभर के 150 जलाशयों की भंडारण स्थिति की निगरानी करने वाली सीडब्ल्यूसी ने चार जुलाई को इन घटनाक्रम का विवरण देते हुए अपना नवीनतम बुलेटिन जारी किया।

बुलेटिन के अनुसार, 150 जलाशयों में से 20 जलविद्युत परियोजनाओं के लिए समर्पित हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 35.30 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है।

सीडब्ल्यूसी के चार जुलाई के बुलेटिन में कहा गया कि इन जलाशयों में उपलब्ध भंडारण क्षमता 39.729 बीसीएम थी जो उनकी कुल भंडारण क्षमता का 22 प्रतिशत है।

इसकी तुलना में, पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान उपलब्ध संग्रहण स्तर 50.422 बीसीएम था, जबकि सामान्य संग्रहण स्तर 44.06 बीसीएम था।

सीडब्ल्यूसी ने कहा कि इससे पता चलता है कि वर्तमान भंडारण क्षमता पिछले वर्ष की इसी अवधि की 79 प्रतिशत तथा सामान्य भंडारण क्षमता की 90 प्रतिशत है।

उत्तरी क्षेत्र (हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान) में 10 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 19.663 बीसीएम है।

वर्तमान भंडारण 5.39 बीसीएम (27 प्रतिशत) है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 45 प्रतिशत था, जबकि सामान्य भंडारण क्षमता 31 प्रतिशत है।

पूर्वी क्षेत्र (असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैंड और बिहार) में 23 जलाशय हैं जिनकी कुल भंडारण क्षमता 20.430 बीसीएम है।

यहां वर्तमान भंडारण 3.979 बीसीएम (19 प्रतिशत) है, जो पिछले वर्ष के 20 प्रतिशत से कम है तथा सामान्य स्तर 23 प्रतिशत है।

पश्चिमी क्षेत्र (गुजरात और महाराष्ट्र) में 49 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 37.130 बीसीएम है। वर्तमान में भंडारण 7.949 बीसीएम (21 प्रतिशत) है, जबकि पिछले वर्ष यह 27 प्रतिशत था, जबकि सामान्य भंडारण स्तर 22 प्रतिशत है।

मध्य क्षेत्र (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ) में 26 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 48.227 बीसीएम है।

वर्तमान भंडारण 12.26 बीसीएम (25 प्रतिशत) है, जबकि पिछले साल यह 35 प्रतिशत था और सामान्य भंडारण स्तर 26 प्रतिशत है।

दक्षिणी क्षेत्र (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु) में 42 जलाशय हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 53.334 बीसीएम है। वर्तमान भंडारण स्तर 10.152 बीसीएम (19.03 प्रतिशत) है, जो पिछले साल के 19.43 प्रतिशत से कम है और सामान्य स्तर 24 प्रतिशत है।

बुलेटिन में सामान्य भंडारण स्तर को पिछले 10 वर्षों के औसत भंडारण के रूप में परिभाषित किया जाता है।

सम्रग रूप से भंडारण स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि तथा इसी अवधि के दौरान सामान्य भंडारण दोनों से कम है।

ब्रह्मपुत्र, साबरमती और ताद्री से कन्याकुमारी तक पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में जल भंडारण सामान्य से बेहतर देखा गया है। सिंधु, सुवर्णरेखा, माही और अन्य नदियों में जल भंडारण सामान्य के करीब पाया गया है।

महानदी, कावेरी, ब्राह्मणी और वैतरणी नदियों में जल भंडारण कम है। पेन्नार और कन्याकुमारी के बीच पूर्व की ओर बहने वाली नदियों और अन्य समान नदियों में जल भंडारण अत्यधिक कम है।

 

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button