RO.NO.12945/141
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

चंद्रयान-3 के रंभा पेलोड को चांद पर विरल प्लाज्मा मिला

चेन्नई
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में प्लाज्मा का पता लगाया है, जो अपेक्षाकृत विरल है। चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगे हुए रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव लोनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर- लैंगमुइर प्रोब (रंभा-एलपी) पेलोड ने दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के ऊपर सतह के निकट चंद्र प्लाज्मा वातावरण का पहली बार माप किया है।

प्रारंभिक आकलन से संकेत मिला है कि चंद्रमा की सतह के पास प्लाज्मा अपेक्षाकृत विरल है। ये मात्रात्मक माप संभावित रूप से उस शोर को कम करने में सहायता करते हैं जो चंद्र प्लाज्मा रेडियो तरंग संचार के दौरान उत्पन्न होते है।

इसरो ने कहा कि इसके अलावा, वे भविष्य में चंद्र आगंतुकों के लिए उन्नत डिजाइन में योगदान दे सकते हैं। रंभा-एलपी पेलोड एक लैंगमुइर प्रोब है जिसे तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला (एसपीएल) द्वारा विकसित किया गया है।

यह चंद्रयान-3 लैंडर पर लगा है, जो 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा है। रंभा-एलपी पेलोड को चंद्र प्लाज्मा वातावरण के इन-सीटू माप करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अंतरिक्ष का वह क्षेत्र है जो चंद्रमा की सतह के सबसे समीप है और जहां चंद्र प्लाज्मा सबसे घना है।

रंभा-एलपी पेलोड चंद्र प्लाज्मा वातावरण में इलेक्ट्रॉन घनत्व, तापमान और विद्युत क्षेत्र की माप करेगा। रंभा-एलपी पेलोड के आंकड़ों के प्रारंभिक आकलन से संकेत मिलता है कि चंद्रमा की सतह के पास प्लाज्मा अपेक्षाकृत विरल है।

इसका मतलब है कि अंतरिक्ष के इस क्षेत्र में ज्यादा इलेक्ट्रॉन नहीं हैं। चंद्र प्लाज्मा की विरलता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसी तरीके से प्रभावित करता है जिस तरीके से रेडियो तरंगें अंतरिक्ष के माध्यम से फैलती हैं। रम्भा-एलपी पेलोड द्वारा किया गया माप वैज्ञानिकों को चंद्र प्लाज्मा वातावरण को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा।
इसरो ने यह भी घोषणा किया कि चंद्रयान-3 इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों से पता चला है कि लैंडर पर चंद्र भूकंपीय गतिविधि (आईएलएसए) पेलोड-पहला माइक्रो इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) प्रौद्योगिकी- चंद्रमा पर आधारित उपकरण-ने रोवर और अन्य पेलोड गतिविधियों को रिकॉर्ड किया है। आईएलएसए पेलोड को एलईओएस, बैंगलोर द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे यूआरएससी, बेंगलुरु द्वारा विकसित किया गया है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO.12879/162

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button