RO.No. 13028/ 149
धार्मिक

तीन दशक बाद जन्माष्टमी पर बन रहा अद्भुत संयोग, जानें गृहस्थ और वैष्णव कब मनाएं जन्मोत्सव? जानिए तिथि

भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. उस वक्त रोहिणी नक्षत्र था. भगवान कृष्ण का जन्म रात के 12 बजे हुआ था, और इस बार छह सितंबर 2023 को भगवान कृष्ण की जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन बुधवार होगा. इस वर्ष जन्माष्टमी पर तीस सालों के बाद ग्रह नक्षत्रों का विशिष्ट संयोग भी बन रहा है.  हिन्दू पंचांग के अनुसार ग्रह नक्षत्रों की यह स्थिति भगवान कृष्ण की भक्ति और जन्म के लिए शुभ है, और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करने वाली मानी जाती है.

अष्टमी तिथि में रोहिणी नक्षत्र का संयोग

भगवान कृष्ण की जन्माष्टमी 6 सितंबर बुधवार की रात 7:57 बजे पर अष्टमी तिथि लग जाएगी. इस दिन दोपहर में 02:40 बजे से रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ होगा. ऐसे में अर्द्धरात्रि में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग एक साथ मिलने के कारण “जयंती” नामक योग में सभी लोग कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे.

कृष्ण जन्माष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त

रोहिणी नक्षत्र आरंभ– 6 सितंबर को सुबह 9 बजकर 20 मिनट से शुरू

रोहिणी नक्षत्र समाप्त- 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक

निशिता पूजा का समय- 7 सितंबर को रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक (गृहस्थ लोगों के लिए)
निशिता पूजा का समय- 8 सितंबर को सुबह 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक (वैष्णव संप्रदाय के लिए)

30 वर्ष बाद जन्माष्टमी पर बना अद्भुत योग

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस साल कृष्ण जन्माष्टमी पर काफी अद्भुत योग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 6 सितंबर को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। बता दें कि सर्वार्थ सिद्धि योग के दौरान चंद्रमा वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र होने पर विशेष संयोग बन रहा है। कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र बन रहा है जिसके चलते सर्वार्थ सिद्धि योग निर्मित हो रहा है।

कब मनाएं गृहस्थ और वैष्णव के लोग कृष्ण जन्मोत्सव?

बता दें कि गृहस्थ और वैष्णव लोग अलग-अलग कृष्ण जन्मोत्सव मनाते हैं। जन्माष्टमी के पहले दिन गृहस्थ लोग और दूसरे दिन साधु-संत लोग भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। ऐसे में इस बार गृहस्थ लोग 6 सितंबर को और वैष्णव लोग 7 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी मनाएंगे।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button