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राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

7 रक्षा कंपनियों में से अब 4 का ही अस्त्वि शेष रह जाएगा

जबलपुर

लगातार घाटे में चल रही रक्षा कंपनियों का रक्षा मंत्रालय अब दूसरी कंपनियों में विलय करने जा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने जो योजना बनाई है उसके आकार लेने के बाद 7 रक्षा कंपनियों में से महज 4 का ही अस्त्वि शेष रह जाएगा। दरअसल,1 अक्टूबर 2021 को आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) को भंग कर बनाई सात डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट (डीपीएसयू) को लेकर रक्षा मंत्रालय में मंथन शुरू हो गया है।

लाभ-हानि का आंकलन करते हुए अब रक्षा मंत्रालय कंपनियों के विलय की तैयारी में हैं। गौरतलब है कि 16 जून 2021 को केंद्र सरकार ने नीतिगत सुधार की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए 41 आयुध निर्माणियों को संभालने वाले आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) को भंग कर करते हुए सात नई रक्षा कंपनियां के गठन वाले रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव को केबिनेट में स्वीकृत किया था। लेकिन अब चर्चा यह कि केंद्र सरकार 7 रक्षा कंपनियों में से तीन का विलय करना चाहती है। डीपीएसयू का नया स्वरूप क्या हो, इसको लेकर 6 सदस्यी विशेषज्ञों की कमेटी गठित की गई। रक्षा सूत्रों की मानें तो उक्त कमेटी में नीति पंडित,राजीव शर्मा, प्रतीक्षा सैनी, सत्यब्रत मुखर्जी, गुरूदत्त रे,अशोक कुमार को मेंबर बनाया गया है।

इनका होगा विलय
रक्षा सूत्रों की मानें तो डीपीएसयू के विलय के अवसरों के आंकलन के लिए जिन तीन कंपनियों को प्रस्तावित किया है। उसमें सबसे पहले नंबर पर यंत्र इंडिया लिमिटेड को रखा गया है। इसका विलय म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड में किया जाना प्रस्तावित है। इसी तरह ट्रूप कम्फर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल) का ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) में और इंडिया आॅप्टेल लिमिटेड (आईओएल) को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) में विलय किया जा सकता है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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