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ISRO के प्रमुख साइंटिस्ट की हार्ट अटैक से मौत

 श्रीहरिकोटा
 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना एक  अहम साइंटिस्ट खो गिया। इसरो की एक वैज्ञानिक वलारमथी का निधन हो गया। हार्ट अटैक के चलते उन्होंने रविवार को आखिरी सांस ली। बता दें कि वलारमथी श्रीहरिकोटा में रॉकेट लॉन्च की उलटी गिनती में अपनी आवाज देती थीं।  उन्होंने हाल ही में आखिरी बार उलटी गिनती तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण हके दौरान की। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

मिली जानकारी के अनुसार, वलारमथी सतीश धवन स्पेस सेंटर में रेंज ऑपरेशंस प्रोग्राम कार्यालय के हिस्से के रूप में, पिछले छह सालों से सभी लॉन्चों के लिए उलटी गिनती की घोषणाएं कर रही थीं। हालांकि वह पिछले कुछ समय से बीमार थीं, उन्होनें 50 की उम्र में चेन्नई के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांसे ली।

वहीं, इससे पहले प्रमुख एस सोमनाथ ने  कहा कि चंद्रयान -3 मिशन से जुड़ी टीम विक्रम लैंडर और रोवर को विश्राम देने की प्रक्रिया में है। इसरो प्रमुख ने आज भारत के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट आदित्य एल 1 को सफलतापूर्वक पृथ्वी की इच्छित कक्षा में स्थापित किये जाने के बाद श्रीहरिकोटा में इसरो वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा ‘‘ हम दोनों (विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर) को विश्राम देने की प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं। इसरो प्रमुख ने कहा कि लैंडर के भीतर रखकर भेजे गये रोवर ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर कदम रखने के बाद 100 मीटर तक चहलकदमी की है। लैंडर को चंद्रमा पर शिवशक्ति बिंदु पर उतारे जाने के बाद इस हिस्से पर अंधेरा होने से पहले कुछ दिनों का काम और बाकी है। उन्होंने कहा कि विक्रम और प्रज्ञान अंधेरे में रहते हुए अपने सौर पैनलों को बिजली बनाने से रोक देंगे और अगर 14 दिन बाद भी वह काम कर पाये तो यह बोनस होगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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