बिहार एग्जिट पोल 2025: एनडीए आगे, लेकिन महागठबंधन के लिए भी है मौका — चौंकाने वाले आंकड़े सामने

पटना
बिहार चुनाव को लेकर एग्जिट पोल के अनुमान सामने आ गए हैं. इनमें अब तक अधिकतर एग्जिट पोल के अनुमानों में एनडीए की सरकार बिहार में रिपीट होती दिख रही है. इसी कड़ी में न्यूज़ 18 मेगा एग्जिट पोल के अनुमानों में अब रीजन वाइज डेटा भी सामने आ गया है. इसके अनुसार अलग-अलग क्षेत्र में एनडीए तो कुछ क्षेत्रों में महागठबंधन की बढ़त दिखाई गई है. बता दें कि सबकी नजर शाहाबाद, मगध और भोजपुर इलाके का रिजल्ट जानने की ओर विशेष तौर पर है. वही, सीमांचल, मिथिलांचल और पटना-नालंदा बेल्ट में चुनाव परिणाम कैसे रहेंगे इसके परिणाम भी जानने की उत्सुकता है. बता दें कि भागलपुर क्षेत्र की 27, भोजपुर क्षेत्र की 46, सीमांचल क्षेत्र की 37, मगध क्षेत्र की 47, मिथिला क्षेत्र की 37 और तिरहुत क्षेत्र की 49 सीटों के पूर्वानुमान में एनडीए और महागठबंधन की बढ़त अलग-अलग क्षेत्रों में बताई गई है. ऐसे में आइए आपको आपको क्षेत्रवार आंकड़ा बताते हैं.
भागलपुर से भोजपुर तक बंटा जनादेश
सबसे पहले शुरू करते हैं भागलपुर से जहां एनडीए को 10 से 20 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं महागठबंधन भी यहां पर बराबरी के टक्कर में है और उसे भी 10 से 20 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि अन्य को एक सीट मिल सकती है. इसी प्रकार भोजपुर में एनडीए महागठबंधन के आगे पस्त पड़ता हुआ दिख रहा है और उसे 15 से 25 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि, महागठबंधन यहां बेहतर प्रदर्शन करता हुआ दिख रहा है और 20 से 30 सीटें मिलने का अनुमान है. जनसुरज को यहां एक सीट मिल सकती है तो अन्य को एक सीट पर विजय मिल सकती है.
सीमांचल-मगध में महागठबंधन की चुनौती
सीमांचल का गुणा गणित थोड़ा सा आपको चौंकाएगा. यहां के एग्जिट पोल के अनुमान में एनडीए को 25 से 35 सीटों पर बढ़त मिल सकती है, जबकि महागठबंधन का ग्राफ यहां पिछली बार की अपेक्षा इस बार नीचे गिरता हुआ दिख रहा है. महागठबंधन को सीमांचल में 5 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं अन्य पार्टी को 5 से 10 सीटें मिल सकती है. मगध क्षेत्र में अगर देखें तो इस बार एनडीए ने पुनर्वापसी की है, यानी पिछली बार की तुलना में इस बार अधिक सीटों पर विजय प्राप्त करता दिख रहा है और उसे 25 से 35 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि, महागठबंधन 15 से 25 सीटें जीत सकता है. वहीं, जनसुराज इस क्षेत्र में थोड़ा बेहतर करता हुआ दिख रहा है, लेकिन उसे 0 से 5 सीटें आने का अनुमान बताया गया है.
तिरहुत और मिथिला में एनडीए मजबूत
मिथिला क्षेत्र की 37 सीटों में फिर से एनडीए अच्छा करता दिख रहा है, उसे 25 से 35 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि 5 से 15 सीटें महागठबंधन को मिलने का अनुमान लगाया गया है. वहीं, तिरहुत क्षेत्र का आंकड़ा थोड़ा एनडीए के नेताओं को हैरान करेगा, क्योंकि यहां की 49 सीटों में 15 से 25 सीटों पर एनडीए की बढ़त दिखाई गयी है. वहीं, महागठबंधन के लिए 10 से 20 सीटों पर जीत का अनुमान है, जबकि जन सुराज एक सीट पर विजय प्राप्त करता हुआ दिख रहा है.
मुस्लिम बहुल सीटों पर भी एनडीए की बढ़त
इन आंकड़ों में एक खास बात और है जो काफी चौका रहा है, वह यह कि मुस्लिम बहुल 53 सीटों में से 30 से 40 पर एनडीए की बढ़त दिखाई दिखाई गयी है, जबकि महागठबंधन 10 से 20 सीटों पर आगे है. वहीं, अन्य के खाते में तीन से आठ सीटें मिलने का अनुमान है. इसके अतिरिक्त एसआईआर से प्रभावित जिन 106 सीटों की बात कही जा रही थी, वहां भी 60 से 70 सीटों पर एनडीए की जीत बताई गई है. महागठबंधन को इन क्षेत्रों में 30 से 40 सीटों पर बढ़त का अनुमान है, जबकि तीन से आठ सीटें अन्य के खाते में जाती हुई दिख रही हैं.
डबल इंजन का दम, तेजस्वी का जादू भी बरकरार
बिहार के राजनीतिक जानकार मानते हैं कि न्यूज 18 मेगा एग्जिट पोल के आंकड़े एक महत्वपूर्ण संकेत दे रहे हैं कि बिहार की राजनीति में ‘एकतरफा लहर’ नहीं, बल्कि ‘क्षेत्रीय संतुलन’ को साधने की राजनीति का दौर है. एनडीए राज्यव्यापी रूप से बढ़त में जरूर दिख रहा है, लेकिन कई जिलों में महागठबंधन ने अपना असर कायम रखा है. अब सबकी निगाहें 14 नवंबर की मतगणना पर टिकी हैं, जब यह साफ होगा कि यह अनुमान जमीनी सच्चाई से कितना मेल खाते हैं. अभी के लिए इतना तय है कि बिहार की राजनीति में मुकाबला दिलचस्प और निर्णायक मोड़ पर है.
एकमात्र सर्वे जो बिहार में बना रहा महागठबंधन सरकार
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से पहले अनेकों एजेंसियों े एग्जिट पोल बीच एक आंकड़ा सबसे अलग है. अब तक आए 10 प्रमुख सर्वे एजेंसियों के बीच ‘जर्नो मिरर’ एकमात्र ऐसा पोल है जिसने बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती हुई दिखाई है. जबकि लगभग सभी अन्य एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बहुमत या बढ़त दिखाई जा रही है. ‘जर्नो मिरर’ के मुताबिक, महागठबंधन को 130 से 140 सीटें, एनडीए को 100 से 110 सीटें, AIMIM को 3 से 4 सीटें और अन्य को 0 से 3 सीटें मिलने का अनुमान है. यानी सर्वे के अनुसार आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन बहुमत के आंकड़े (122) को आराम से पार करता दिख रहा है.
‘जर्नो मिरर’ का दावा है कि यह सर्वे 38 जिलों के 150 विधानसभा क्षेत्रों में 15 हजार से अधिक मतदाताओं की राय के आधार पर तैयार किया गया है. इसमें ग्रामीण और शहरी इलाकों दोनों की नब्ज को शामिल किया गया है. सर्वे टीम से मिली जानकारी के अनुसार ‘जर्नो मिरर’ के दावे में बताया गया है कि महागठबंधन को बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई जैसे मुद्दों पर जनता का समर्थन मिला है, जबकि एनडीए को सत्ता विरोधी लहर का कुछ असर झेलना पड़ा है. इसके उलट, टीवी चैनलों और प्रमुख सर्वे एजेंसियों में एनडीए को 133 से 167 सीटें तक दी गई हैं. यानी इन पोल्स में मोदी-नीतीश की जोड़ी एक बार फिर सत्ता में लौटती दिख रही है.
महागठबंधन को युवाओं का साथ
‘जर्नो मिरर’ सर्वे बताता है कि ग्रामीण इलाकों में युवाओं और मुस्लिम यादव समीकरण का झुकाव महागठबंधन की ओर रहा है. तेजस्वी यादव के रोजगार और आर्थिक सहायता के साथ हर घर नौकरी के वादों ने युवाओं में उम्मीद जगाई है. वहीं, महिला मतदाताओं के बीच एनडीए का प्रभाव मजबूत जरूर रहा, लेकिन नये मतदाता, यानी 18 से 25 वर्ष के बीच के आयु वर्ग में महागठबंधन को बढ़त मिली है. सीमांचल, तिरहुत और मगध क्षेत्रों में महागठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि चंपारण, पटना और नालंदा बेल्ट में एनडीए ने पकड़ बनाए रखी है. एआईएमआईएम सीमांचल की कुछ सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है.




