खेल जगत

अगर मेरे साथ होता तो बर्दाश्त नहीं करता—रवि शास्त्री ने गौतम गंभीर का बचाव करने से किया साफ इनकार

नई दिल्ली 
पूर्व कप्तान और टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री भारतीय टेस्ट क्रिकेट के धीरे-धीरे हो रहे पतन से दुखी हैं। 2012 से 2024 तक घर में एक भी सीरीज नहीं हारने वाली टीम इंडिया गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद 2 होम सीरीज हार चुकी है। हार भी ऐसी-वैसी नहीं। सफाया वाली हार। पिछले साल न्यूजीलैंड ने 3-0 से हराया तो इस साल दक्षिण अफ्रीका ने 2-0 से मात दी। रवि शास्त्री ने टेस्ट में भारत के शर्मनाक प्रदर्शन के लिए कोच गौतम गंभीर का बचाव करने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अगर ये उनके साथ होता तो वह सारी जिम्मेदारी खुद पर लेते।

मीडिया की तरफ से एक पॉडकास्ट के टीजर में रवि शास्त्री कहते हैं, ‘आप बताइए मुझे। गुवाहाटी में क्या हुआ- 100 रन पर एक विकेट से आप 130 रन पर 7 पर पहुंच जाते हैं। ये टीम खराब भी नहीं है। उनके पास बहुत टैलेंट हैं। खिलाड़ियों को भी कुछ जिम्मेदारी लेनी चाहिए। आप क्रिकेट खेलने की जब शुरुआत करते हैं, तब से स्पिन खेले हैं।’ जब इंटरव्यू करने वाले ने उनसे ये पूछा कि क्या वह मुख्य कोच गौतम गंभीर का बचाव कर रहे हैं, तब शास्त्री ने कहा, 'मैं (उनका) बचाव नहीं कर रहा। 100 प्रतिशत (वह भी जिम्मेदार हैं)। क्या मैं कुछ गलत कह रहा हूं? अगर यह मेरे साथ होता, मैं पहली रिस्पॉन्सबिलिटी लेता। लेकिन उसके बाद मैं टीम मीटिंग में खिलाड़ियों को भी नहीं बख्शता।'

रवि शास्त्री जब कोच थे तब विराट कोहली टेस्ट में कप्तान हुआ करते थे। उस दौर में भारत घर में क्या, दूसरे देशों में जाकर उन्हें उनके ही घर में हराने और सीरीज जीतने का मद्दा रखता था। शास्त्री-कोहली के दौर में भारत ने घर में सिर्फ दो टेस्ट हारे थे। एक 2017 में पुणे टेस्ट और दूसरा 2021 में चेन्नई टेस्ट। लेकिन गौतम गंभीर के कार्यकाल में भारत घर में खेले गए पिछले 7 टेस्ट मैच में 5 में हार चुका है।

रवि शास्त्री भारत के सबसे सफल कोच में से एक हैं। उनके कार्यकाल में 2017 से 2021 तक भारत का टेस्ट में जीत प्रतिशत 65 का था। उनके ही कार्यकाल में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीता था और तीन साल बाद फिर से वो कारनामा दोहराया था। 2016 से 2021 तक लगातार 42 महीनों तक भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 पर विराजमान रही और 2021 का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप भी खेला था।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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