RO.No. 13028/ 149
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मॉनसून देगा एक साथ दो गुड न्यूज, केरल के साथ इन राज्यों में भी होगी एंट्री

नई दिल्ली

मॉनसून का इंतजार बस खत्म होने को है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि समय से पहले ही मॉनसून केरल में दस्तक दे सकता है। खास बात है कि इस बार मौसम का दुर्लभ नजारा देखने को भी मिल सकता है, क्योंकि कहा जा रहा है कि मॉनसून केरल और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में एक साथ एंट्री करने वाला है। इधर, भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD का कहना है कि गुरुवार से उत्तर पश्चिम भारत को गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।

चार दिनों का होता है फर्क
खास बात है कि आमतौर पर केरल में मॉनसून 1 जून तक पहुंचता है। जबकि, 5 जून तक इसकी एंट्री पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में होती है। कहा जा रहा है कि इस बार दोनों क्षेत्रों में एकसाथ मॉनसून आने की वजह बीते सप्ताह बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात रेमल हो सकता है। कहा जा रहा है कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन ने क्षेत्र में मॉनसून के बहाव को बढ़ा दिया है।

मौसम विभाग ने कहा, 'अगले 24 घंटों में केरल और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में मॉनसून आने के लिए स्थिति अनुकूल बनती नजर आ रही है।' मौसम विभाग का कहना है कि गुरुवार से दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में भीषण लू की स्थिति धीरे-धीरे कम हो जाएंगी। माना जा रहा है कि पश्चिमी विक्षोभ भी तापमान में गिरावट की एक वजह हो सकता है।

मौसम कार्यालय ने 15 मई को केरल में 31 मई तक मानसून के दस्तक देने का अनुमान जताया था। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार केरल में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप मई में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि पांच जून है।

IMD ने कहा, 'इस अवधि के दौरान दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव, कोमोरिन, लक्षद्वीप के शेष हिस्सों, दक्षिण-पश्चिम और मध्य बंगाल की खाड़ी, उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।'

IMD केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है, जब 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 केंद्रों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (OLR) कम होता है और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी की ओर होती है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button