RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

प्रदेश में नर्मदा की तरह उज्जैन में शुरू होगी शिप्रा परिक्रमा, गंगा दशमी पर 15-16 जून से होगी शुरुआत

भोपाल/उज्जैन
 मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 15 और 16 जून को विशेष आयोजन होने जा रहे हैं। इन आयोजनों में शोभायात्रा और शिप्रा नदी में चुनरी चढ़ाना शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 15 और 16 जून को नवमी और दशमी के लिए शिप्रा परिक्रमा कार्यक्रम की घोषणा की है। यह यात्रा रामघाट से शुरू होगी और दत्त खाड़ा, त्रिवेणी, गढ़ कालिका और गोमती कुंड जैसे पवित्र स्थलों से होकर गुजरेगी। लोग सामूहिक रूप से शिप्रा नदी को चुनरी चढ़ाएंगे। इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उमड़ेगी और इसे पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया जाएगा।

मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में डॉ. यादव ने शिप्रा परिक्रमा गंगा दशमी कार्यक्रम के बारे में जानकारी ली। उन्होंने 16 जून की शाम को दत्त अखाड़ा क्षेत्र के रामघाट में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की योजनाओं की समीक्षा की। यह कार्यक्रम महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर शिप्रा नदी के महत्व और इसकी सांस्कृतिक विरासत पर आधारित एक विशेष पुस्तिका का विमोचन भी किया जाएगा।

सदानीरा पर केन्द्रित एक सी.डी. भी सार्वजनिक की जाएगी। साथ ही, शिप्रा परिक्रमा गंगा दशमी कार्यक्रम के साथ-साथ राज्य की अन्य प्रमुख नदियों जैसे नर्मदा, चंबल, ताप्ती, सोन, सिंध और बेंग गंगा के तटों पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियां और जल क्रीड़ा गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इन नदियों के किनारे स्थित मंदिर परिसरों और देव स्थलों की भी सफाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, 'शिप्रा परिक्रमा गंगा दशमी का आयोजन पिछले बीस वर्षों से किया जा रहा है, जिसमें बुद्धिजीवियों, आम नागरिकों और इतिहास एवं पुरातत्व के विद्वानों की भागीदारी होती है। यह पर्व सामाजिक समरसता का प्रतीक है। भजनों और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति इसकी मुख्य विशेषता है। हमारा लक्ष्य इस परंपरा को पूरे प्रदेश में विस्तारित करना और सामुदायिक भागीदारी से अन्य नदियों के घाटों पर भी इसी तरह के आयोजन के सपने को साकार करना है। इस दीर्घकालिक परंपरा को पूरे राज्य में बढ़ावा दिया जाना चाहिए, तथा नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के साथ विभिन्न नदी तटों पर इसे मनाने का लक्ष्य पूरा किया जाना चाहिए।'

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button