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सीजफायर का प्रस्ताव, फिर भीषण जंग की धमकी… इजरायल की इस चाल से कंफ्यूज है USA

तेल अवीव

गाजा में हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग को खत्म करने के लिए अमेरिका की पहल पर सीजफायर का प्रस्ताव भेजा गया है. इसके बावजूद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि उनकी सेना हमास को खत्म किए बिना गाजा से वापस नहीं लौटेगी. इतना ही नहीं उनका ये भी कहना है कि हमास से इजरायली बंधकों को वापस लाने की मुहिम पहले की तरह ही जारी रहेगी. इजरायल अपने लक्ष्य से पीछे हटने वाला नहीं है.

एक तरफ सीजफायर का प्रस्ताव और दूसरी तरफ जंग तेज करने की बात करने वाले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आखिर क्या चाहते हैं, इसे लेकर खुद अमेरिका भी कंफ्यूज है. क्योंकि उसके द्वारा गाजा के रफाह में शरणार्थी शिविरों पर हवाई हमले न करने की अपील करने के बावजूद इजरायल वहां लगातार हमले कर रहा है. यहां तक कि दुनिया की परवाह किए बिना इजरायल बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों का नरसंहार भी कर रहा है.

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर इस्लामिक देश गाजा में बेकसूर फिलिस्तीनियों को मारने का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन अब अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने भी नेतन्याहू पर निर्दोष फिलिस्तीनियों की हत्या का आरोप लगाया है. अमेरिका के सीनियर डेमोक्रेटिक नेता ने नेतन्याहू को युद्ध अपराधी बताते हुए कहा कि निर्दोष फिलिस्तीनियों को मारने वाले को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए नहीं बुलाना चाहिए.

सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने कहा, "इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू युद्ध अपराधी हैं और उन्हें कांग्रेस के संयुक्त सत्र के लिए नहीं बुलाया जाना चाहिए. इजरायल के पास हमास के हमले के ख़िलाफ़ खुद को सुरक्षित रखने का अधिकार है, लेकिन इस अधिकार से आपको बेकसूर फिलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने की अनुमति नहीं मिल जाती. इजरायल के पास 34 हजार फिलिस्तीनियों को मारने का अधिकार नहीं है."

अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने गाजा में इजरायल की ओर से मानवीय मदद रोके जाने का भी विरोध किया. इसके साथ ही उन्होंने नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "इजरायल मानवीय मदद को नहीं रोक सकता. ये अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने नेतन्याहू और हमास के नेता याह्या सिनवार के ख़िलाफ़ अरेस्ट वारंट जारी किया है. इन दोनों ने कानून तोड़ा है."

भारी दबाव के बीच हमास को भेजा शांति प्रस्ताव

गाजा में आठ महीने से जारी जंग को खत्म करने के लिए इजरायल ने कुछ दिन पहले ही हमास को नया प्रस्ताव भेजा था. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुताबिक शांति प्रस्ताव को कतर के जरिए हमास को भेजा गया. उन्होंने कहा था कि शांति प्रस्ताव में युद्धविराम, इजरायली बंधकों कि रिहाई और गाजा के रिहायशी इलाकों का पुनर्निर्माण शामिल है. हर कोई जो शांति चाहता है. उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. इस जंग को खत्म करने का समय आ गया है.

पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल

अमेरिकी राष्ट्रपति के मुताबिक, इस शांति प्रस्तावित के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है. इस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे. बाइडेन ने कहा था, ''यह एक स्थायी युद्ध विराम और सभी बंधकों की रिहाई का रोडमैप है. यह प्रस्ताव कतर द्वारा हमास को भेजा गया है. मैं अमेरिकी नागरिकों और दुनिया के लिए उचित शर्तें रखना चाहता हूं. इसके तीन चरण हैं.''

हमास के प्रस्ताव को इनकार कर चुका है इजरायल

इससे पहले हमास ने भी इजरायल को शांति प्रस्ताव दिया था, जिसे उसने मानने से इनकार कर दिया था. हमास के प्रस्ताव में इजरायली सैनिकों की गाजा से वापसी के बदले बंधकों को छोड़ने की बात कही गई थी. गाजा में संघर्ष विराम के लिए मिस्र में बातचीत भी हुई थी, जो बेनतीजा रही थी. मिस्र में भी शांति प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई थी. उस वक्त हमास पूर्ण संघर्ष विराम की मांग कर रहा था. वो चाहता था कि इजरायली सेना वापस लौट जाएं.

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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