भोपाल : राजधानी में 14 जून से लगेगा पांच दिवसीय आम महोत्सव, मिलेंगी कई किस्में
भोपाल
राजधानी भोपाल में एक बार फिर आम महोत्सव का आगाज होने वाला है। शुक्रवार, 14 जून से शुरू होने वाले इस आम महोत्सव में आम की कई किस्में मिलेंगी। यहां से आप आम खरीद भी सकते हैं। इसमें शहडोल का आम्रपाली और मल्लिका के अलावा सतना का सुंदरजा आम भी मौजूद रहेगा। यह पांच दिवसीय आम महोत्सव 18 जून तक चलेगा। यह आम प्रदर्शनी व सेल बिट्टन मार्केट स्थित नाबार्ड कार्यालय में रहेगी। बता दें कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) देश में कृषि और ग्रामीण विकास मैं निरत राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि इस आम महोत्सव का उद्देश्य यही है कि आदिवासियों को हम बाजार उपलब्ध कराएं। इस वर्ष आम महोत्सव का आठवां संस्करण है। इस बार महोत्सव 11 जिलों से विक्रेता आएंगे, इसमें नर्मदापुरम, अलीराजपुर, रीवा, छिंदवाड़ा और झाबुआ शामिल है। पिछले बार इन जिलों से करीब 10 टन आम लाए गए थे वहीं इस सीजन करीब 18 टन आम आने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष आम महोत्सव में खास नूर जहां और सुंदरजा आम रहेंगे। सुंदरजा आम की बात की जाए तो यह एक जीआई टैग आम है। इसमें फाइबर्स नहीं होते हैं, इसकी अपनी कई तरह की खूबियां होती हैं, यह आम शुगर मरीजों के लिए भी सुरक्षित माना जाता है। इसके अलावा हर बार की तरह इस बार भी नूर जहां प्रदर्शनी के लिए आएगा, इस आम की खासियत यह है कि यह आम दो से तीन किलो का होता है, इसका छिलका काफी पतला होता है वहीं इसकी गुठली भी बहुत छोटी होती है।
नाबार्ड के अधिकारियों के अनुसार इस आम महोत्सव में जो आम आएंगे उनकी कीमत सामान्य बाजार में बिकने वाले आमों से 10 से 20 प्रतिशत ज्यादा होगी। इसके कारण यह है कि इन्हें किसी भी प्रकार के केमिकल से नहीं पकाते। इन्हें पकाने के लिए भूसे के अलावा कागज का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, कई वैराइटी ऐसी भी हैं, जो कि प्राकृतिक तौर पर पेड़ पर ही पकाई जाती हैं। बता दें कि इस मेले में विभिन्न किस्मों जैसे सुंदरजा, केसर, चौंसा, लंगड़ा व दशहरी आम उपलब्ध रहेगा।
गौरतलब है कि देश-विदेश में विंध्य को पहचान दिलाने वाले सुंदरजा आम को जीआई टैग मिल गया है। रीवा में 237 वैरायटी वाले आम के बागान है, पर सबसे खास गोविंदगढ़ का सुंदरजा आम है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जबलपुर के अधीन कृषि महाविद्यालय का फल अनुसंधान केंद्र कुठुलिया 32 हेक्टेयर में फैला है।