RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

झारखंड का हुसैन अब कभी घर नहीं लौटेगा, कुवैत जाते समय परिवार को कहा था ‘अलविदा’

रांची.

18 दिन पहले कुवैत के लिए रवाना हुआ झारखंड का मोहम्मद अली हुसैन अब कभी अपने घर वापस नहीं लौट पाएगा, क्योंकि कुवैत में एक इमारत में लगी आग के चलते उसकी मौत हो गई। हुसैन की मौत की खबर मिलते ही परिवार में मातम पसर गया है। परिवार का कहना है कि जब हुसैन कुवैत के लिए रवाना हुआ तो उसने अलविदा कहा, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि अब वह कभी वापस घर नहीं आएगा।

रांची के हिंदपीरी निवासी 57 वर्षीय मुबारक हुसैन टायरों का छोटा सा व्यवसाय चलाते हैं। उन्होंने बताया कि 24 वर्षीय बेटा स्नातक की पढ़ाई के बाद प्रमाणित प्रबंधन लेखाकार (सीएमए) पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रहा था। एक दिन उसने अचानक कहा कि वह कुवैत जाएगा। 18 दिन पहले ही वह कुवैत के लिए रवाना हुआ था। हुसैन पहली बार देश से बाहर निकला था। उसने हमें बताया था कि उसे वहां सेल्समैन की नौकरी मिल गई है। हमने कभी नहीं सोचा था कि कुवैत में ऐसी विनाशकारी घटना घटित होगी और उसमें बेटे की भी जान चली जाएगी।

पत्नी को बेटे की मौत की खबर बताने की हिम्मत नहीं कर पाया मुबारक
मुबारक ने रोते हुए कहा कि कुवैत में बेटे के सहकर्मी ने गुरुवार सुबह उसे घटना की सूचना दी, लेकिन शाम तक इस घटना के बारे में पत्नी को बताने की उसकी हिम्मत नहीं हुई। मुबारक ने बताया कि उनका बड़ा बेटा भी खाड़ी देश में नौकरी करता है। मुबारक ने भारत सरकार से मांग की है कि वह उसके बेटे के शव को रांची लाने की व्यवस्था करे।

रसोईघर से पूरी इमारत में फैली थी आग
बता दें कि कुवैत के दक्षिणी शहर मंगफ में बुधवार सुबह एक छह मंजिला इमारत में आग लग गई। अग्निकांड में करीब 40 भारतीयों सहित 49 विदेशी श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि 50 अन्य घायल हो गए। आग रसोईघर से पूरी इमारत में फैली थी। कुवैती मीडिया के अनुसार, निर्माण कंपनी एनबीटीसी समूह ने 195 से अधिक श्रमिकों के रहने के लिए इमारत किराये पर ली थी, जिसमें अधिकांश केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय थे।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button