भारत की बेटियों ने बनाया विश्व रिकॉर्ड, वुमेंस टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बने 600 रन
चेन्नई
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक अविश्वसनीय वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। वुमेंस टेस्ट में पहली बार किसी टीम ने 600 रनों का आंकड़ा पार किया है। ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ते हुए टीम इंडिया अब वुमेंस टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाली टीम बन गई है। यहां तक कि अभी दूसरे दिन के पहले सेशन का खेल जारी है और टीम इंडिया के 5 ही विकेट गिरे हैं। साउथ अफ्रीका की हालत पूरी तरह से खराब है।
भारतीय टीम ने 115 ओवरों में 5 विकेट खोकर 603 रन बना लिए हैं। महिला टेस्ट क्रिकेट में पहली बार किसी टीम ने 600 रनों का आंकड़ा पार किया है। अभी तक ऑस्ट्रेलिया के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ा स्कोर बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज था, जो उन्होंने इसी साल इसी टीम के खिलाफ बनाया था। साउथ अफ्रीका के खिलाफ फरवरी में ऑस्ट्रेलिया ने 575 रन बनाए थे। 9 विकेट खोने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पारी घोषित कर दी थी।
भारतीय विमेन टीम की ओपनर स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान के 20 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. इन दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 292 रनों की शानदार साझेदारी हुई, जो कि महिला टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है.
भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और सलामी जोड़ी मंधाना और वर्मा ने लाजवाब शतक जड़े. मंधाना ने अपनी फॉर्म को जारी रखते हुए 161 गेंदों पर 149 रन बनाए, जिसमें 27 चौके और 1 छक्का शामिल था, जबकि वर्मा 205* रन बनाकर नोट आउट थीं.
आपको बता दें कि पिछले 20 सालों से, यह रिकॉर्ड पाकिस्तान की सलामी बल्लेबाजों किरन बलूच और साजिदा शाह के नाम था, जिन्होंने 2004 में 241 रनों की रिकॉर्ड पार्टनरशिप की थी, लेकिन अब इस कीर्तिमान को भारतीय बैटर्स ने अपने नाम कर लिया है.
शेफाली वर्मा ने बनाया नया रिकॉर्ड
शेफाली वर्मा ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का पहला शतक जड़ा. उन्होंने मात्र 113 गेंदों पर अपनी सेंचुरी पूरी की. इस दौरान, वर्मा ने 15 चौके और 2 छक्के लगाए. शेफाली अब महिला टेस्ट में शतक बनाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हैं. मिताली राज ने 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ सिर्फ 19 वर्ष और 254 दिन की उम्र में शतक बनाया था, जबकि शेफाली वर्मा ने 2024 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 20 वर्ष और 152 दिन की उम्र में यह कारनामा किया. वहीं, संध्या अग्रवाल ने 1984 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 20 वर्ष और 277 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी. अंजू जैन और संध्या अग्रवाल भी इस सूची में शामिल हैं, जो अपने शतक को इंग्लैंड (1995) और न्यूजीलैंड (1985) के खिलाफ 21 वर्ष की आयु में बना चुकी हैं.