नये आपराधिक अधिनियमों के प्रति जागरूकता जरूरी-कुलपति डॉ.झा

भिलाई-एक जुलाई से प्रभावशील हुए तीन नये आपराधिक विधि अधिनियमों के संबंध में आज श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में परिचर्चा आयोजित की गई,जिसमे नये अधिनियमों पर विस्तृत चर्चा की गई। विषय विशेषज्ञों ने इस पर विस्तार से बात करते हुए नये आपराधिक विधि अधिनियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का आव्हान किया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि विश्विद्यालय के कुलपति डॉ ए.के.झा ने कहा कि पुराने समय में समाज में होने वाले नियम कानून से लेकर वर्तमान समय के साथ साथ आवश्यकता को देखते हुए कानून में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अभी के नए कानून कुछ पुराने कानून में संशोधन करके बनाए गए हैं और अनावश्यक विधि को विलोपित किया गया है।01 जुलाई 2024 से प्रभावशील होने वाले नए अधिनियम की संपूर्ण गाइडलाइन जारी की गई है।
विश्विद्यालय के आदमिक डायरेक्टर डॉ सुशील चंद्र तिवारी ने कहा कि नए कानून के आने से न्याय और पारदर्शिता बढ़ेगी जिससे नागरिक को न्याय मिलने में सहायता होगी।उन्होंने कहा कि इस नवीन विधि अधिनियम का उद्देश्य आम नागरिकों को त्वरित रूप से न्याय दिला कर राहत प्रदान करना है।
पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धनेश कुमार जोशी ने कहा की इस नवीन संशोधित अधिनियम की जानकारी सभी को होना जरूरी है।प्राचीन समय में समाज को व्यवस्थित करने के लिए कानून बनाए गए। विधि बनाई गई जिसका सभी को पालन करना होता था। नए कानून में प्रकरण के निराकरण के लिए समय का निर्धारण किया गया है।पारदर्शिता एवम जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आपराधिक मामलों में तलाशी एवम जपति के दौरान फोटोग्राफी एवम वीडियो ग्राफी अनिवार्य रूप से को जावेगी।साइबर अपराध की रोकथाम के लिए भी कानून में नए प्रावधान किए गए हैं। कार्यक्रम में वक्ताओं ने नए तीनो कानूनों पर विस्तार से अपने विचार रखे और कहा कि पुराने कानून में संशोधन और कुछ नियम जोड़े गए हैं,ताकि नागरिको को नए कानून से सरलता से न्याय मिल सके।इस अवसर पर डॉ श्वेता ने भी अपने विचार रखे।परिचर्चा में प्राध्यापक एवम कर्मचारी तथा छात्र उपस्थित थे।




