RO.NO. 13207/103
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

जाली मुद्रा के मामले सुप्रीम कोर्ट ने NIA को लगाई कड़ी फटकार, पूछा मामले में चार साल तक क्यों नहीं ट्रायल शुरू

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जाली मुद्रा के मामले में एक केस की सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने NIA से पूछा कि मामले में चार साल तक क्यों नहीं ट्रायल शुरू किया जा सका है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुयान की खंडपीठ ने कड़े शब्दों में NIA से पूछा कि क्या आपने इसे मजाक समझ रखा है। कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि आपकी वजह से आरोपी को बिना किसी सुनवाई के चार साल तक जेल में रहना पड़ा।

कोर्ट ने यह भी कहा कि क्या आपको नहीं पता कि अपराध की गंभीरता की परवाह किए बिना किसी भी अभियुक्त को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत शीघ्र सुनवाई का अधिकार है? इसके बावजूद आपने चार साल तक आरोपी के बिना ट्रायल के जेल में बंद रखा। खंडपीठ ने सख्त टिप्पणी की, “आप एनआईए हैं। कृपया न्याय का मजाक न बनाएं। चार साल हो गए, लेकिन मामले में अब तक सुनवाई शुरू नहीं हुई। ऐसा नहीं होना चाहिए था। आरोपी ने जो भी अपराध किया हो, उसे त्वरित सुनवाई का अधिकार है।" इस टिप्पणी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी।

कोर्ट ने कहा कि अपराध चाहे कितने भी गंभीर क्यों ना हों, हरेक आरोपी को संविधान के तहत शीघ्र सुनवाई का अधिकार प्राप्त है। इस मामले में आरोपी के इस अधिकार का उल्लंघन हुआ है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें हाई कोर्ट ने इस साल फरवरी में आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था।

मुंबई पुलिस ने 2020 में आरोपी को उन गुप्त दस्तावेजों के आधार पर पकड़ा था, जिसकी वजह से कथित तौर पर पाकिस्तान से आए नकली मुद्रा बरामद किए गए थे। एनआईए ने बाद में इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली और खुलासा किया कि अपीलकर्ता आरोपी फरवरी 2020 में दुबई गया था और वहाीं से नकली मुद्रा लाया था।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button