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‘संविधान हत्या दिवस’ पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, 50 साल बाद आपातकाल पर बहस का मतलब नहीं

नई दिल्ली.

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने संविधान हत्या दिवस, तीन नए आपराधिक कानून पर विपक्ष का हंगामा और नीट मुद्दे पर बात की। आपातकाल लागू किए जाने की तारीख 25 जून को हर वर्ष संविधान हत्या दिवस के रूप में मानने के केंद्र सरकार के फैसले पर उन्होंने कहा कि आपातकाल एक गलती थी, जिसे खुद इंदिरा गांधी ने स्वीकार किया था। मगर आज 50 साल बाद आपातकाल के सही और गलत होने पर बहस करने का क्या मतलब है?

भाजपा को अतीत भूल जाना चाहिए। दरअसल, 25 जून 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी देश में इमरजेंसी लगा दी थी। इसी वजह से मोदी सरकार ने कांग्रेस को घेरने के लिए हर साल ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने का फैसला किया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस दिन उन सभी महान लोगों के योगदान को याद किया जाएगा, जिन्होंने आपातकाल के अमानवीय दर्द को सहन किया था।

हमने अतीत से सबक सीखा
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, 'भाजपा 17वीं या 18वीं शताब्दी में वापस क्यों नहीं जा रही है? आज कुल भारतीय आबादी में से 75 फीसदी ने 1975 के बाद जन्म लिया है। आपातकाल एक गलती थी और इसे इंदिरा गांधी ने खुद स्वीकार किया था। हमने संविधान में संशोधन किया है ताकि आपातकाल इतनी आसानी से लागू न किया जा सके। 50 साल बाद आपातकाल के सही और गलत होने पर बहस करने का क्या मतलब है? भाजपा को अतीत को भूल जाना चाहिए। हमने अतीत से सबक सीखा है।'

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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