अमरनाथ यात्रा पर 16 दिन में 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए
श्रीनगर
अमरनाथ यात्रा पर आने वाले भक्तों में उत्साह बरकरार है। बीते 16 दिनों में तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं। वहीं 4,875 यात्रियों का एक और जत्था सोमवार को घाटी के लिए रवाना हुआ।
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए देशभर से रोजाना हजारों श्रद्धालु जम्मू कश्मीर में पहुंच रहे हैं। रविवार को दर्शनार्थी यात्रियों का आंकड़ा तीन लाख के पार होने की उम्मीद है। इस बीच शनिवार को 14200 श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी दी। अब तक 2,93,929 श्रद्धालु भोले के समक्ष नतमस्तक हो चुके हैं। आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से 183 छोटे बड़े वाहनों में 4669 श्रद्धालु कश्मीर के लिए रवाना हुए।
बाबा के दरबार तक जल्दी पहुंचने का श्रद्धालुओं में उत्साह देखते ही बन रहा है। जम्मू में स्थापित केंद्रों पर टोकन पाने और तत्काल पंजीकरण के लिए तड़के ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे श्रद्धालु भी हैं जिन्होंने अग्रिम यात्री पंजीकरण करवा लिया है, लेकिन वे तत्काल पंजीकरण करवाकर जल्दी जाने को आतुर हैं। आधार शिविर भगवती नगर जम्मू से बालटाल के लिए 74 छोटे बड़े वाहनों में 1630 यात्री रवाना हुए। इनमें 1068 पुरुष, 546 महिलाएं, 16 बच्चे शामिल रहे। इस जत्थे में कोई भी साधु शामिल नहीं हुआ।
दोनों यात्रा मार्गों पर रुक-रुक कर हो रही बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने के बावजूद रविवार को 15 हजार से ज्यादा उत्साही तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा के अंदर दर्शन किए।
अधिकारियों ने बताया कि 4,875 यात्रियों का एक और जत्था सोमवार को दो सुरक्षा काफिलों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए रवाना हुआ।
पहला सुरक्षा काफिला सुबह 3:05 बजे 68 वाहनों में 1,918 यात्रियों को लेकर उत्तरी कश्मीर के बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। जबकि दूसरा सुरक्षा काफिला सुबह 3:50 बजे 94 वाहनों में 2,957 यात्रियों को लेकर दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।
दोनों सुरक्षा काफिले दोपहर तक घाटी में पहुंच जाते हैं।
यह पवित्र गुफा कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भक्त या तो पारंपरिक दक्षिण कश्मीर पहलगाम मार्ग से या फिर उत्तर कश्मीर बालटाल मार्ग से गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं।
श्रद्धालु या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग से यात्रा करते हैं या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार से पांच दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं।
इस वर्ष की यात्रा 52 दिनों के बाद 29 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षाबंधन त्योहार के साथ संपन्न होगी।
इसी तरह पहलगाम रूट के लिए 109 छोटे बड़े वाहनों में 3039 श्रद्धालु कश्मीर के लिए गए। इसमें 2350 पुरुष, 584 महिलाएं, 7 बच्चे, 96 साधु और 2 साधवी शामिल रहे। अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को संपन्न होगी।