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बच्चोंं का आई क्यू बताने एम्स और मैनिट ने मिलकर बनाया स्मार्ट डिजिटल आईक्यू डिवाइस

भोपाल

यदि बच्चों के आईक्यू लेवल जानना चाहते हैं और उनकी आईक्यू लेवल पर आपको किसी प्रकार की शंका है तो अब आपको यह टेस्ट आसानी से भोपाल एम्स में हो सकेगा। इसके लिए हाल ही में एम्स भोपाल और मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT) की एक टीम ने संयुक्त रूप से नियमित IQ टेस्ट का एक स्मार्ट डिजिटल संस्करण विकसित किया है। यह अभिनव उपकरण IQ टेस्टिंग की प्रक्रिया को आसान बनाएगा और स्वचालित रूप से IQ रेंज की गणना भी करेगा।

आईक्यू परीक्षण की प्रक्रिया होगी काफी तेज
जानकारों का कहना है कि यह उपकरण IQ परीक्षण की प्रक्रिया को काफी तेज कर देगा और मनोवैज्ञानिकों पर बोझ कम कर देगा, जिससे वे निदान और उपचार के अधिक महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। IQ परीक्षण को अधिक सुलभ और कुशल बनाकर, यह प्रगति यह सुनिश्चित कर सकती है कि अधिक बच्चों को सही समय पर आवश्यक मूल्यांकन और सहायता मिले, अंततः उनके विकासात्मक परिणामों और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो।

बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है यह डिवाइस
बच्चों में IQ परीक्षण संज्ञानात्मक शक्तियों और कमजोरियों की पहचान करने, सीखने की अक्षमताओं का निदान करने और शैक्षिक रणनीतियों को तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है। बौद्धिक चुनौतियों का प्रारंभिक पता लगने से समय पर हस्तक्षेप करने, बेहतर शैक्षणिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में सहायता मिलती है। सटीक IQ आकलन यह सुनिश्चित करता है कि बच्चों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए आवश्यक सहायता मिले। एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ.अजय सिंह का कहना है कि बच्चों के बीच IQ परीक्षण की बहुत आवश्यकता है, विशेष रूप से स्कूल जाने वाली उम्र के बच्चों में, जिनके बचपन में विभिन्न मानसिक विकारों से पीड़ित होने का संदेह है। IQ परीक्षण के लिए एक प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक की आवश्यकता होती है, जिसे एक बच्चे के लिए IQ परीक्षण करने के लिए काफी समय देना पड़ता है। टीम के सदस्य के रूप में एम्स भोपाल से डॉ. तमोनुद मोदक और MANIT से डॉ. मितुल कुमार अहिरवाल और अमूल्य रत्न शामिल थे।

एम्स भोपाल ने शैक्षणिक प्लेटफार्मों पर महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक और सीईओ प्रो.अजय सिंह का कहना है कि एम्स भोपाल ने विभिन्न शैक्षणिक प्लेटफार्मों पर महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। संस्थानों के बीच प्रभावी साझेदारी के महत्व पर जोर दिया जा रहा हैं, जिसके परिणामस्वरूप अंततः सामाजिक प्रभाव के साथ उन्नत शोध होना चाहिए जो समाज के लिए हितकर हो और नीति निर्माताओं को नीति निर्धारण में सहायक हो सके। ज्ञान-साझाकरण और निरंतर सीखने की संस्कृति पर जोर दिया जा रहा हैं।

 जाने क्या होता है आई क्यू  
IQ या इंटेलिजेंस कोशिएंट एक मानक स्कोर है जो दर्शाता है कि मानसिक क्षमता में कोई व्यक्ति अपने साथियों के समूह से कितना ऊपर या नीचे है। साथियों के समूह का स्कोर 100 का IQ होता है। IQ संख्या समाज के सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों से बड़ी संख्या में लोगों को एक ही परीक्षा देकर और फिर औसत निकालकर प्राप्त की जाती है।  मनोवैज्ञानिक विलियम स्टर्न द्वारा 1912 में गढ़े गए IQ को मानसिक आयु से कालानुक्रमिक आयु x 100” के अनुपात के रूप में दर्शाया गया था। उदाहरण के लिए, अगर कोई 10 साल का है और उसकी मानसिक आयु 10 साल के बच्चे जितनी है, तो उसकी IQ 100 होगी। लेकिन अगर उसकी मानसिक आयु 10 के बजाय 13 साल है, तो उसकी IQ 130 होगी।

क्या है आईक्यू टेस्ट
एक सामान्य IQ परीक्षण में बुद्धि को मापने वाले विभिन्न परीक्षण शामिल होते हैं जिनमें स्थानिक पहचान, अल्पकालिक स्मृति, गणितीय क्षमता और विश्लेषणात्मक सोच शामिल हैं। आम तौर पर यह गलत समझा जाता है कि यह आपके द्वारा वर्षों में अर्जित सभी ज्ञान का परीक्षण करता है, IQ परीक्षण वास्तव में आपकी सीखने की क्षमता का परीक्षण करता है।  आधुनिक समय में IQ परीक्षण 20वीं सदी की शुरुआत में अपनी शुरुआत के बाद से काफ़ी आगे बढ़ चुका है। उनका उद्देश्य नहीं बदला है, और कार्यप्रणाली वही है, यानी वे अतीत में सीखी गई किसी चीज़ के बजाय किसी व्यक्ति के बुद्धि लब्धि के पहलुओं का परीक्षण कर रहे हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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