उच्च शिक्षा और शोध किसी भी राष्ट्र की प्रगति की रीढ़ होती है-प्रोफेसर रवि श्रीवास्तव
श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी को 19 पेटेंट भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा प्रदान किए गए हैं

भिलाई-उच्च शिक्षा और शोध किसी भी राष्ट्र की प्रगति की रीढ़ होती है। उच्च शिक्षा में शोध की भूमिका सबसे अहम होती है।कोई भी देश विकास के पथ पर तभी आगे बढ़ता है जब उसके पास उच्च शिक्षा के स्तर पर अनुसंधान के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हों।श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के रिसर्च डेवलपमेंट सेंटर के प्रभारी प्रोफेसर रवि श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया की उनके विश्वविद्यालय में शोध कार्य को पढ़ाई के साथ साथ अहम दर्जा दिया गया है जिसका परिणाम है की विगत 2-3 वर्षों में ही शोध के क्षेत्र में बड़ी बड़ी उपलब्धियां दर्ज हुई हैं जो की प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उहोंने बताया की विश्विद्यालय में विभिन्न विषयों में कुल 35 शोध निर्देशक निरंतर शोध कार्य का निर्देशन कर रहें हैं तथा स्वयं अनुसंधानकी दिशा में कार्यरत हैं।
सबसे बड़ी उपलब्धि 19 पेटेंट हैं जो भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा प्रदान किए गए हैं।इनमे हाल ही में शामिल 2 ने पेटेंट है जो कैंसर रोधी दवा निर्माण और माइग्रेन की पहचान के बैंड की डिजाइन के लिए मिले है।विश्विद्यालय में फार्मेसी संकाय में सबसे अधिक 9 शोध निर्देशक हैं।फार्मेसी के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ हेमंत बड़विक की कई किताबें फार्मेसी के विद लिए महत्वपूर्ण हैं।यहां प्रयोगशालाएं विभिन्न उपकरणों से सुसज्जित हैं।वर्तमान में विश्विद्यालय में प्राध्यापकों के 86 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जनरल्स में प्रकाशित हुए हैं।
लाइफ साइंस, जनरलिस्म मैनेजमेंट रसायन,भौतिकी,वाणिज्य एवम भाषाओं में शोध कार्य जारी है।119 विधार्थी विभिन्न विषयों में शोध कार्य के लिए पंजीकृत हैं। रवि श्रीवास्तव बताते है कि शिक्षाविद प्रोफेसर यशपाल ने कहा था की जिन शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान और उसकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता है वे न तो शिक्षा का भला कर सकते हैं और न ही समाज का।पिछले वर्षों में वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष अनुसंधान, जैव ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त निवेश और विकास भी हुआ है। ऐसे में भारत में शोध कार्य की दिशा में हुई प्रगति को नकारा नहीं जा सकता।
प्रोफेसर श्रीवास्तव के अनुसार इन दिनों शोध के प्रति रुझान बढ़ने का एक कारण यह भी है की भारत सरकार द्वारा नई नई शोधवृतियां शुरू की गई हैं।यूजीसी की जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सीनियर रिसर्च फेलोशिप को बढ़ाया गया है। शोध को बढ़ावा देने का एक बेहतर तरीका यहभी है की उद्योग जगत और देश के विश्वविद्यालयों के बीच सांझा सहमति बने ताकि प्रयोगशालाओं में हुए शोध को बाजार तक पहुंचाया जा सके। इससे उद्योग जगत को भी लाभ होगा।छात्रों के लिए शोध परियोजनाओं और नई शोध तकनीक विकसित करने प्रशिक्षित करना आवश्यक है।हमारे विश्वविद्यालय इस दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं जिसका लाभ विद्यार्थियों के साथ ही समाज को मिलेगा।