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छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू

भिलाई-छत्तीसगढ़ में एजुकेशन हब भिलाई में अपनी पहचान बना चुके श्री शंकराचार्य यूनिवर्सिटी में इस सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी गई है।छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग और छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनिमयक आयोग के दिशा निर्देशानुसार नए अध्यादेश के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रथम वर्ष में लागू कर दी गई है। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आई पी मिश्रा ने कहा कि सत्र 2024_2025 में नवप्रवेशित विधार्थियों को इसका लाभ मिलेगा।इसके लिए विश्वविद्यालय ने पहले से ही तैयारी पूरी कर ली है,अब सभी प्राध्यापकों, लैब टेक्नीशियनों सहित अशैक्षणिक स्टॉफ को कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ए के झा ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार विधार्थी को मुख्य विषय का चुनाव करना होगा।स्नातक अब चार वर्ष का होगा जिसमे 8 सेमेस्टर होंगे।इसमें मल्टीपल एक्जिट और एंट्री की सुविधा है। यानी प्रथम वर्ष की पढ़ाई छोड़ने पर सर्टिफिकेट,द्वितीय वर्ष के बाद डिप्लोमा और तीन वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर अभी की तरह डिग्री मिलेगी। चतुर्थ वर्ष में पढ़ाई करने वाले विधार्थी आनर्स की उपाधि प्राप्त कर सकेंगे। चार वर्ष पूर्ण करने वाले विधार्थी को स्नातकोत्तर उपाधि हेतु केवल एक वर्ष पढ़ना होगा और तीन वर्ष वाले विधार्थी अभी की तरह दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में शामिल होंगे।

प्रत्येक सेमेस्टर में छात्रों की आंतरिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा के अंक जुड़ेंगे।मुख्य परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक होंगे तो आंतरिक परीक्षा में 30 प्रतिशत अंक रहेंगे। सबसे बड़ा बदलाव इसमें यह हुआ है कि पास होने के लिए पहले 33 फीसदी अंक लाने होते थे अब 40 फीसदी अंक लाने पर ही उत्तीर्ण हो पाएंगे। वैसे रिजल्ट क्रेडिट के आधार पर होगा। सेमेस्टर प्रणाली से जारी रिजल्ट में प्रतिशत की जगह ग्रेडिंग दी जाएगी। पहले की प्रणाली में पूरक और पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान रहता था जो अब समाप्त कर दिया गया है।

विश्वविद्यालय के डायरेक्टर विकास ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य विषयों में चार साल का यूजी कोर्स 160 क्रेडिट स्कोर के साथ पूरा करने पर विधार्थी को चार साल की यूजी डिग्री आनर्स प्रदान की जावेगी।वहीं जो विधार्थी पहले 6 सेमेस्टर में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक हासिल करते है और रिसर्च करना चाहते है तो चौथे साल में रिसर्च स्ट्रीम चुन सकते है।उन्हें संस्था के फ़ैकल्टी मेंबर के निर्देशन में रिसर्च प्रोजेक्ट करना होगा।रिसर्च प्रोजेक्ट में 12 क्रेडिट सहित कुल 160 क्रेडिट स्कोर प्राप्त करने पर यूजी डिग्री आनर्स विथ रिसर्च मिलेगी।उन्होंने बताया कि यदि कोई विधार्थी प्रथम या द्वितीय वर्ष अथवा तृतीय वर्ष के बाद पढ़ाई छोड़ता है तो वह तीन साल के भीतर फिर से पढ़ाई शुरू कर सकता है।उसे अगले वर्ष में प्रवेश मिल जायेगा बस उसे समर वेकेशन में चार क्रेडिट का कोर्स करना होगा।

प्रशिक्षण कार्यशाला में विश्विद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ रवि श्रीवास्तव ने विस्तृत जानकारी दी।परीक्षा नियंत्रक डॉ संदीप श्रीवास्तव ने परीक्षा प्रणाली में हुए बदलाव पर प्रकाश डाला। विश्विद्यालय की छात्रकल्याण अधिष्ठाता डॉ प्राची निमजे ने बताया कि नव प्रवेशित विधार्थियों के लिए शीघ्र ही इंडक्शन प्रोग्राम के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संपूर्ण जानकारी दी जावेगी।

Dinesh Purwar

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