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फिर उठी महाकाल मंदिर में ड्रेस कोड की मांग, पुजारी और पुरोहित बोले- छोटे कपड़े उड़ा रहे परिहास

उज्जैन

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में लगातार श्रद्धालुओं के आने से रिकॉर्ड टूटते जा रहे हैं। अगर बात श्रावण के पहले सोमवार की जाए तो पता चलेगा कि पहले ही दिन बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए लगभग 5.50 लाख श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। ये संख्या पिछले वर्ष की अपेक्षा दो गुना थी। बाबा महाकाल के दर्शनों के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु धार्मिक नगरी उज्जैन तक पहुंच रहे हैं। इन सबके बीच अब पुजारी पुरोहित और महामंडलेश्वर शासन और प्रशासन से श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड निर्धारित करने की मांग उठा रहे हैं।

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। यहां आने वाले कुछ श्रद्धालु जब छोटे कपड़े पहनकर यहां पहुंचते हैं, ये बिल्कुल सही नहीं लगता। इस प्रकार के कपड़े न सिर्फ मंदिर की व्यवस्था का माखोल उड़ा रहे हैं, बल्कि इससे भारतीय संस्कृति का भी परिहास हो रहा है।

इस ओर ध्यान दें प्रशासन
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पुरोहित पंडित भूषण व्यास ने कहा कि महाकालेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागू होना चाहिए। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु बरगुंडा, नाइट ड्रेस और भद्दे कपड़े पहनकर ही बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंच जाते हैं। इस प्रकार के भद्दे कपड़े कम से कम बाबा महाकाल के दरबार में तो नहीं होने चाहिए। यहां आने वाले श्रद्धालु पुरुष वर्ग कुर्ता पजामा, पैंट शर्ट या जींस शर्ट जैसे कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश करें। वहीं महिलाएं और युवतियां सलवार कुर्ती और साड़ी पहनें जोकि भारतीय संस्कृति की परिचायक है। हम शासन प्रशासन से यह मांग करते हैं कि इस ओर ध्यान दें।

सभी धर्म पद्धति में अपनी नियमावली और आचार संहिता है
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर शैलेशानंद महाराज ने बताया कि सभी धर्म पद्धति में अपनी नियमावली और आचार संहिता है। महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश करने पर श्रद्धालुओं का एक ड्रेस कोड निर्धारित होना चाहिए, क्योंकि वस्त्र हमारी संस्कृति के परिचायक माने जाते हैं। हम पूर्व में भी इस बात का विरोध कर चुके हैं कि मंदिरों में काम से कम श्रद्धालु ऐसे कपड़े पहनकर न जाएं, जिससे कि वह खुद हास परिहास का कारण बने। साथ ही मंदिर के नियमों का भी माखोल उड़े। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस प्रकार के वस्त्र पहनकर अश्लील तरीके से रील बनाने वाले कई श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। कुछ पर श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने कार्रवाई भी की है। सीधी सी बात है बाबा महाकाल के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऐसा ड्रेस कोड निर्धारित कर देना चाहिए, जिससे कि मंदिर की व्यवस्था का माखोल भी ना उड़े और भद्दे कपड़े पहनने से हमारी संस्कृति का कोई मजाक ना बन पाए। श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के जिम्मेदारों को तत्काल इस और ध्यान देना चाहिए। श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने कहा कि अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, लेकिन अगर कुछ आएगा तो उस पर विचार जरूर किया जाएगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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