RO.No. 13028/ 149
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री ने आज नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की, नीतीश कुमार ने बनाई दूरी

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की। इसमें विभिन्न विकास मुद्दों और नीतिगत मामलों पर चर्चा की गई। कई विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने इस अहम बैठक में भाग नहीं लिया। हालांकि केंद्र की सत्ताधारी एनडीए सरकार के सहयोगी व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शनिवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने किया। इस महत्वपूर्ण बैठक में नीतीश के अनुपस्थित रहने का कारण अभी पता नहीं चल सका है।

जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने से कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री नीतीश आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे। मुख्यमंत्री पहले भी बैठक में शामिल नहीं हुए थे और बिहार का प्रतिनिधित्व तत्कालीन उपमुख्यमंत्री ने किया था। इस बार भी दोनों उपमुख्यमंत्री बैठक में शामिल होने गए हैं।’’ कुमार ने कहा, ‘‘इसके अलावा, बिहार से चार केंद्रीय मंत्री भी आयोग के सदस्य हैं और वे बैठक में मौजूद रहेंगे। इस पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है।’’ नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र-शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की संचालन परिषद की महत्वपूर्ण नौवीं बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने में राज्यों की भूमिका अहम है। बैठक से जुड़े सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ने अपने प्रारंभिक संबोधन में कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य हर भारतीय की आकांक्षाओं से जुड़ा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छोड़ कर विपक्षी दलों की सरकारों वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया है। वे इस बार के आम बजट में भेदभाव किए जाने का अरोप लगा रहे हैं। बनर्जी भी कार्यवाही के संचालन के तरीके पर विरोध करते हुए बैठक बीच में ही छोड़ गईं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि विपक्ष की एकमात्र प्रतिनिधि होने के बावजूद उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया।

बहरहाल, सरकारी सूत्रों ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता को बोलने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया था। ममता ने कहा कि पांच मिनट के बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को अधिक देर तक बोलने की अनुमति दी गई। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘यह अपमानजनक है। मैं आगे से किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लूंगी।’’ इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है और राज्य इस लक्ष्य को हासिल करने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं। मोदी ने नीति आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक में यह कहा। आयोग ने मोदी के हवाले से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है। राज्य इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वे लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं।’’

उन्होंने कहा कि यह दशक तकनीकी और भू-राजनीतिक बदलावों के साथ-साथ अवसरों का भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए और अपनी नीतियों को अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए अनुकूल बनाना चाहिए। यह भारत को एक विकसित देश बनाने की दिशा में प्रगति का रास्ता है।’’ बैठक 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर केंद्रित है। इस बैठक का उद्देश्य केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन तथा सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं। बैठक में पिछले साल दिसंबर में आयोजित मुख्य सचिवों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की सिफारिशों पर भी गौर किया जाएगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13028/ 149

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button