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सुप्रीम कोर्ट ने हेरोइन रखने की आरोपी महिला को जमानत देने से इनकार कर दिया

नई दिल्ली
 सुप्रीम कोर्ट ने हेरोइन रखने की आरोपी महिला को जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह एनडीपीएस केसेज में गांजा और चरस तक तो जमानत दे सकती है। लेकिन हेरोइन के मामले में वह ऐसा बिल्कुल भी नहीं करेगी। कोर्ट के इसके पीछे की वजह भी स्पष्ट की और कहा कि यह ऐसा नशा है जो सब खत्म कर देता है। युवा पीढ़ी पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है। जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय करोल की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि जब भी गांजा या चरस से जुड़े मामले होते हैं तो हम जमानत के पक्षधर होते हैं। लेकिन हेरोइन के मामले में हम ऐसा ऐसा नहीं कर सकते हैं। हमें इसको लेकर सख्त रवैया अपनाना ही होगा।

मामला 61 साल की महिला से जुड़ा है, जिसके ऊपर 500 ग्राम हेरोइन रखने का आरोप है। महिला उसी कार में यात्रा कर रही थी, जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया था। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद यह मामला शीर्ष अदालत तक पहुंचा था। यहां पर महिला आरोपी की तरफ से पेश वकील ने उसकी उम्र का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। इसके साथ ही उन्होंने दलील दी कि महिला के पास से कुछ भी नहीं मिला था।

इसके बाद जस्टिस रविकुमार ने वकील को याद दिलाया कि महिला के ऊपर 500 ग्राम हेरोइन लेकर चलने का आरोप है। जस्टिस करोल ने आगे कहा कि हेरोइन सबकुछ तबाह कर देती है। उन्होंने कहा कि यह युवा पीढ़ी को पूरी तरह से खत्म कर देती है। हम इस मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। महिला की तरफ से एडवोकेट श्रेय कपूर सुप्रीम कोर्ट में दलील रख रहे थे।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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