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भोपालमध्यप्रदेश

मंकीपॉक्स के नियंत्रण-बचाव करने के लिए गाइडलाइन का पालन हो- उप मुख्यमंत्री शुक्ल

मंकीपॉक्स के नियंत्रण-बचाव करने के लिए गाइडलाइन का पालन हो- उप मुख्यमंत्री शुक्ल

स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी

भोपाल-उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मध्यप्रदेश में मंकीपॉक्स से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि मंकी पॉक्स से बचाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाये और आवश्यक प्रबंध किए जायें। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी ज़िलों को दिशानिर्देश जारी कर दिये गये हैं। उल्लेखनीय है कि मंकीपॉक्स बीमारी का केंद्र वर्तमान में अफ्रीका के देशों में है। इस बीमारी का प्रथम प्रकरण भारत में 14 जुलाई 2022 को केरल में पाया गया था, उसके बाद 30 लेबोरेटरी कन्फर्म प्रकरण केरल एवं दिल्ली में पाये गयें, 27 मार्च 2024 के बाद कोई नया प्रकरण नहीं पाया गया है।

स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन अनुसार सभी संदिग्ध प्रकरणों को चिन्हाकिंत स्वास्थ्य सुविधाओं में अलग रखा जाएगा। उपचार करने वाले चिकित्सक द्वारा आइसोलेशन समाप्त करने का निर्णय लेने पर ही स्वास्थ्य संस्था से डिस्चार्ज करने के निर्देश हैं। ऐसे सभी संभावित प्रकरण एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के जिला सर्विलेंस अधिकारी की निगरानी में रहेंगे। संभावित संक्रमण की स्थिति में मंकीपॉक्स वायरस परीक्षण के लिए प्रयोगशाला का सैंपल एनआईवी पुणे भेजे जाएँगे। मंकीपॉक्स का पॉजिटिव प्रकरण पाये जाने पर कांटैक्ट ट्रेसिंग कर विगत 21 दिनों में रोगी के संपर्क में आये व्यक्तियों की पहचान करने के निर्देश हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 14 अगस्त 2024 को (मंकीपॉक्स) बीमारी को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ़ इंटरनेशनल कंसर्न (पीएचईआईसी) घोषित किया गया है। मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में पायी जाती है। मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी को सामान्यतः बुखार, रेश और लिम्फ नोड्स में सूजन पाई जाती है। कुछ रोगियों में चिकित्सकीय जटिलताएं हो सकती हैं। मंकीपॉक्स एक स्व-सीमित संक्रमण है जिसके लक्षण सामान्यतः 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते है। गंभीर प्रकरणों में मृत्यु दर 1-10% प्रतिशत है।

मंकीपॉक्स वायरस पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है। उक्त वायरस कटी-फटी त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या म्यूकस मेम्ब्रेन (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित पशु/वन्यपशु से मानव में वायरस का संचरण काटने, खरोंचने, शरीर के तरल पदार्थ एवं घाव से सीधे अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क (जैसे दूषित बिस्तर) के माध्यम से हो सकता है। मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण / संचरण मुख्य रूप से लार्ज रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के माध्यम से सामान्यतः पर लंबे समय तक निकट संपर्क से होता है। वायरस शरीर के तरल पदार्थ / घाव के सीधे संपर्क के माध्यम से और घाव के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से भी प्रसारित हो सकता है, जैसे संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों या लिनेन के माध्यम से।

मंकीपॉक्स का इनक्युबेशन पीरियड आमतौर पर 7-14 दिनों का होता है, यह 5-21 दिनों तक हो सकता है और इस अवधि के दौरान व्यक्ति आमतौर पर संक्रामक नहीं होता है। संकमित व्यक्ति के चकत्ते दिखने से 1-2 दिन पहले तक रोग फैला सकता है। सभी चकत्तों से पपड़ी गिर न जाए रोगी तब तक संक्रामक बना रह सकता है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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