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तिरुपति के एक अस्पताल में एक मरीज ने महिला जूनियर डॉक्टर पर हमला किया, वीडियो वायरल

हैदराबाद
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की घटना के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश भर में हो रहे प्रदर्शन के बीच अब एक और ऐसी खबर सामने आई है। तिरुपति के एक अस्पताल में एक मरीज ने महिला जूनियर डॉक्टर पर हमला कर दिया। श्री वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसवीआईएमएस) में हुई यह घटना अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सीसीटीवी फुटेज में मरीज डॉक्टर के बाल पकड़कर उसका सिर अस्पताल के बिस्तर के स्टील फ्रेम पर पटकते हुए दिखाई दे रहा है। हालांकि वार्ड में मौजूद अन्य डॉक्टर अपने साथी को बचाने के लिए तुरंत आगे आते हैं और मरीज को पकड़ने की कोशिश करते हैं। महिला को हमले में मामूली चोटें आईं और वह फिलहाल खतरे से बाहर हैं।

इसके बाद महिला डॉक्टर ने एसवीआईएमएस के निदेशक और कुलपति डॉ. आरवी कुमार को चिट्ठी लिखकर आपबीती सुनाई। इस चिट्ठी में जूनियर डॉक्टर ने कहा कि वह शनिवार को आपातकालीन चिकित्सा विभाग में ड्यूटी पर थी। उन्होंने लिखा, "मुझ पर एक मरीज बंगारू राजू ने अचानक हमला किया। वह पीछे से मेरे पास आया, मेरे बाल खींचे और मेरे सिर को एक बेड की स्टील की छड़ से मारना शुरू कर दिया।" उन्होंने आगे कहा कि उनकी मदद के लिए मौके पर कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि यह घटना कार्यस्थल पर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती है। आगे डॉक्टर ने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों की मांग करते हुए लिखा, "अगर मरीज के पास कोई धारदार हथियार होता, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।"

कोलकाता की घटना की दिलाई याद
मरीज ने डॉक्टर पर किस वजह से हमला किया यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इस घटना के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग की। आंध्र के अस्पताल में यह घटना कोलकाता में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए खौफनाक बलात्कार और हत्या के कुछ सप्ताह बाद हुई है। इस घटना ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और देश भर के कई प्रमुख संस्थानों के डॉक्टर कार्यस्थल पर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने किया है राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के खिलाफ हिंसा को रोकने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की सिफारिश करने के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है। कोर्ट ने कहा है कि टास्क फोर्स लैंगिक हिंसा को रोकने तथा डॉक्टरों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करने के लिए योजना तैयार करेगी।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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