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हज यात्रा 2025 के बदले नियमों से हाजियों के सामने नई मुश्किलें, पति-पत्नी के बीच रहेगा पर्दा; जानें और क्या बदला

2025 से हज यात्रा पर जाने वाले भारतीय पति-पत्नी एक ही कमरे में साथ में नहीं ठहर सकेंगे

भोपाल-नई हज नीति के तहत होने वाले इस बार के हज सफ़र में बहुत कुछ बदला हुआ नजर आने वाला है। इन बदलाव में एक बड़ा परिवर्तन उम्र का भी है। जिसमें रिजर्व कैटेगिरी की उम्र 70 से घटाकर 65 साल कर दी गई है। इस नियम के तहत यह भी पाबंदी कर दी गई है कि अब हज सफर के दौरान पति पत्नी एकसाथ कमरे में नहीं रुक सकेंगे। उन्हें होटल के अलग अलग कमरों में ठहरना पड़ेगा।जानकारी के मुताबिक अब हज यात्रा के दौरान भारतीय पति- पत्नी को आपस में पर्दा करना जरूरी होगा। सऊदी अरब सरकार ने बड़े बदलाव करते हुए अब तक जारी छूट को खत्म कर दिया है। सरकार के नए नियम के अनुसार 2025 से हज यात्रा पर जाने वाले भारतीय पति-पत्नी एक ही कमरे में साथ में नहीं ठहर सकेंगे।

हज यात्रा को लेकर हज कमेटी ऑफ इंडिया ने गाइडलाइन जारी कर दी हैं। कमेटी के मुताबिक हज के दौरान भारतीय पति- पत्नी के एक कमरे में ठहरने की शिकायत आती थी। कमरे में पति पत्नी के साथ रहने से उनके बीच बेपर्दगी रहती है। दूसरे देशों से यात्रा में शामिल होने वाले पति-पत्नी अलग- अलग कमरों में ठहरते हैं। सिर्फ भारतीय दंपति को साथ ठहरने की छूट दी गई थी। जिसे अब खत्म कर दिया गया है। इसको लेकर हज कमेटी ने भी अरब सरकार को जानकारी दी थी।

हज कमेटी के मुताबिक इस समस्या से निपटने के लिए नियम भी बनाए गए हैं। भारतीय पति-पत्नी के कमरे आसपास रखे जाएंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर वह एक दूसरे की मदद कर सकें। हज यात्रियों को जिस होटल में ठहराया जाएगा, उसके हर फ्लोर पर एक रिसेप्शन की व्यवस्था रहेगी, ताकि दंपति इस जगह बैठकर बातचीत कर सकें।हज कमेटी ने बताया कि बुजुर्ग कैटेगरी में सहायक ले जाने के लिए उम्र की सीमा को 70 साल से घटाकर 65 साल किया गया है। अब 65 साल तक के बुजुर्ग अपने साथ एक सहायक ले जा सकेंगे।पहले भारतीय पति-पत्नी को साथ रहने और ठहरने की छूट दी गई, क्योंकि भारतीय हज यात्रा करने वाले अधिकतर यात्री कम पढ़े-लिखे होते हैं। और इनमें ज्यादातर बुजुर्ग होते हैं।अब 45 साल या उससे ज्यादा उम्र की महिलाये बिना मेहरम के भी हज यात्रा पर जा सकेंगी।

अगले साल हज यात्री भारत से 29 अप्रैल से 30 मई, 2025 के बीच सऊदी जाएंगे है। हज के मुख्य अनुष्ठान 3 जून से 8 जून तक होगी। यह तीर्थयात्रा का सबसे महत्वपूर्ण चरण है, जहां लाखों मुसलमान अपने विश्वास के केंद्र में अनुष्ठान करने के लिए मक्का में इकट्ठा होते हैं। हज पूरा करने के बाद तीर्थयात्री अपनी वापसी यात्रा शुरू करेंगे। तीर्थयात्रियों की वापसी 11 जून से निर्धारित है। अभी तक 70 साल से ज्यादा उम्र के तीर्थयात्रियों को एक साथी लाने की अनुमति थी। नए नियमों में ये आयु सीमा को घटाकर 65 वर्ष कर दिया है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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