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छत्तीसगढ़-रायगढ़ में बदहाल सड़क पर ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, स्थानीय विधायक और छात्र धरने पर बैठे

रायगढ़छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में बदहाल सड़क को लेकर एक बार फिर से स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन का रूख अख्तियार करते हुए सुबह 10 बजे से महिला, पुरूष और स्कूली छात्र के अलावा क्षेत्र की विधायक धरने में बैठ गई है। जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के तमनार थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम हुंकराडिपा-मिलुपारा की बदहाल सड़क को लेकर आज सुबह 10 बजे से एक बार फिर स्थानीय ग्रामीणों ने आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर दी है।

इस मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय कांगे्रस विधायक विद्यावती सिदार भी मौके पर पहुंचकर धरने में बैठ गई। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि जर्जर सड़क की वजह से क्षेत्र में लगातार छोटी बड़ी दुर्घटनाएं सामने आ रही है। समय-समय पर ग्रामीणों के द्वारा आर्थिक नाकेबंदी भी की जा चुकी है लेकिन हर बार आश्वासन देकर मामले को शांत करा दिया जाता है।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव की मुख्य सड़क कीचड से लबालब हो चुकी है जिससे इस मार्ग में स्कूली बच्चों को स्कूल आने जाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हुंकराडीपा-मिलूपारा की फिसलन भरी सड़क में आये दिन स्कूली छात्र गिर रहे हैं जिससे उनका यूनीफार्म खराब हो जाने की वजह से वे स्कूल जाने से भी वंचित रह जाते हैं। इसलिये आज के इस आंदोलन में स्कूली छात्र भी शामिल हुए हैं। बदहाल सड़क के जीर्णोद्धार की मांग को लेकर गारे गांव के अलावा पड़ोसी गांव खम्हरिया के ग्रामीणों के द्वारा पहले भी दो बार चक्काजाम किया जा चुका है। लेकिन उन्हें भी सड़क मरम्मत का लिखित आश्वासन देकर उनका प्रदर्शन समाप्त करा दिया गया है। लेकिन उनकी समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है।

धरने में बैठे ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वनांचल क्षेत्र के कई गांव के लोग तमनार आने-जाने के लिये इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। रोजाना हजारों की संख्या में उरबा, मिलूपारा, हिंझर, पेलमा, कोडकेल, सेमिजोर, लालपुर सहित अन्य गांव के लोग इसी सडक से तमनार आते हैं और अपना काम निपटाकर वापस जाते हैं। वर्तमान समय में यहां के सड़क की हालत काफी दयनीय हो चुकी है। इसके बावजूद स्थानीय कंपनी प्रबंधन इस ओर कोई पहल नही कर रहा हैं।

तमनार में स्थानीय ग्रामीणों के साथ बैठी लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र की विद्यावती सिदार ने बताया कि जब भी किसी क्षेत्र में जब कंपनी आती है तो उनके द्वारा कहा जाता है वह क्षेत्र में विकास करेंगे, गांव को सर्वसुविधायुक्त बनाया जाएगा, लोगों को रोजगार मिलेगा, बचें को अच्छी शिक्षा की व्यवस्था देने की बात कहते हुए प्रलोभन दिया जाता है और फिर कंपनी के विस्तार के बाद सारे वादे खोखले साबित हो जाते हैं।
विद्यावती सिदार ने यह भी कहा कि अगर कोई कंपनी किसी गांव को गोद ले लेती है तो उस गांव का संपूर्ण विकास करना चाहिए। इस क्षेत्र में जिंदल की कंपनी के अलावा हिंडाल्को, अडानी और अंबूजा के कोल खदान हैं। यहां पर चलने वाली भारी वाहन गारे गांव से होते हुए माइनिंग क्षेत्र से कोयला निकालकर लेकर जाते हैं। जिससे गांव की पूरी सड़क की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है कि लोग बार-बार सड़क निर्माण की मांग को लेकर धरने पर बैठने पर मजबूर हो गए हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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