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खेल जगत

कपिल परमार ने पैरालंपिक जूडो में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता, भारत के 25 पदक

पेरिस
 दृष्टिबाधित कपिल परमार ने  यहां जे1 60 किग्रा पुरुष पैरा जूडो स्पर्धा में भारत को जूडो में पहला पैरालंपिक पदक दिलाया जिससे देश के प्रेरणादायी पैरा खिलाड़ियों ने 25 पदक जीतने का अपना लक्ष्य हासिल किया और इसमें इजाफा करने की राह पर बने हुए हैं।

पदार्पण कर रहे परमार ने ब्राजील के एलिल्टोन डि ओलिवेरा के खिलाफ शुरू से ही दबदबा बनाकर रिकॉर्ड 10-0 की जीत से कांस्य पदक जीता। इससे परमार ने खुद के और देश के लिए ऐतिहासिक पोडियम स्थान हासिल किया।

भारत के पदकों की संख्या 25 तक पहुंच गयी है जिसमें नौ स्वर्ण, नौ रजत और 11 कांस्य पदक शामिल हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति ने इन खेलों से पहले कम से कम 25 पदक जीतने की उम्मीद जताई थी और यह लक्ष्य पूरा हो चुका है। इससे यहां पैरा खिलाड़ियों का प्रदर्शन उम्मीदों से अधिक रहेगा। हालांकि दोहरी संख्या में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद पूरी नहीं हो सकी।

परमार (24 वर्ष) इससे पहले सेमीफाइनल ए में ईरान के एस बनिताबा खोर्रम अबादी से 0-10 से पराजित हो गये। पैरा जूडो में जे1 वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जो दृष्टिबाधित होते हैं या फिर उनकी कम दृष्टि होती है।

परमार ने 2022 एशियाई खेलों में इसी वर्ग में रजत पदक जीता था। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में वेनेजुएला के मार्को डेनिस ब्लांको को 10-0 से शिकस्त दी थी। परमार को दोनों मुकाबलों में एक एक पीला कार्ड मिला।

वहीं महिलाओं के 48 किग्रा जे2 वर्ग के क्वार्टरफाइनल में भारत की कोकिला को कजाखस्तान की अकमारल नौटबेक से 0-10 से हार का सामना करना पड़ा।

फिर रेपेशेज ए के जे2 फाइनल में कोकिला को यूक्रेन की यूलिया इवानित्स्का से 0-10 से हार मिली। इसमें उन्हें तीन जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी को दो पीले कार्ड मिले।

जूडो में पीले कार्ड मामूली उल्लघंन के लिए दिये जाते हैं।

जे2 वर्ग में आंशिक दृष्टि वाले खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं।

परमार मध्य प्रदेश के शिवोर नाम के एक छोटे से गांव से हैं। बचपन में परमार के साथ एक दुर्घटना हुई थी। जब वह अपने गांव के खेतों में खेल रहे थे और गलती से पानी के पंप को छू लिया जिससे उन्हें बिजली का जोरदार झटका लगा। बेहोश परमार को अस्पताल ले जाया गया और वह छह महीने तक कोमा में रहे।

वह चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं। परमार के पिता टैक्सी चालक हैं जबकि उनकी बहन एक प्राथमिक विद्यालय चलाती है।

इस असफलता के बावजूद परमार ने जूडो के प्रति अपने जुनून को कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने मेंटोर और कोच भगवान दास और मनोज की बदौलत जूडो में अपने जुनून को आगे बढ़ाना जारी रखा।

परमार जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने भाई ललित के साथ मिलकर एक चाय की दुकान चलाते। ललित उनकी प्रेरणा का स्रोत हैं और आज भी उनकी वित्तीय सहायता का मुख्य स्रोत हैं।

निशानेबाजी में सिमरन टी10 100 मीटर फाइनल में :

भारतीय धाविका सिमरन ने अपनी अच्छी फॉर्म जारी रखते हुए महिला टी12 वर्ग की 100 मीटर रेस के सेमीफाइनल में 12.33 सेकेंड के समय से फाइनल में जगह बनाई।

नई दिल्ली की 24 वर्षीय मौजूदा विश्व चैम्पियन सिमरन दूसरे सेमीफाइनल में जर्मनी की कैटरीन म्यूलर रोटगार्ड के बाद दूसरे स्थान पर रहीं।

सिमरन सेमीफाइनल में कुल मिलाकर तीसरे स्थान पर रही। अब वह आज रात को फाइनल में हिस्सा लेंगी जिसमें चार एथलीट होंगी।

सिमरन ने बुधवार को अपनी हीट में 12.17 सेकंड से सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

तीरंदाजी में निराशा :

इतिहास रचने वाले भारतीय तीरंदाज हरविंदर सिंह का दोहरा पदक जीतने का सपना टूट गया क्योंकि वह अपनी जोड़ीदार पूजा जटियां के साथ स्लोवेनियाई जोड़ी से कांस्य पदक के शूट-ऑफ में हार गए।

यह भारतीय जोड़ी सेमीफाइनल में कड़ी टक्कर देने के बावजूद इटली के शीर्ष वरीयता प्राप्त एलिसाबेटा मिज्नो और स्टेफानो ट्रैविसानी के खिलाफ 2-6 से हार गई थी।

कांस्य पदक के मुकाबले में हरियाणा के पांचवीं वरीयता प्राप्त हरविंदर और पूजा 2-0 से आगे थे लेकिन दो बार अपनी बढ़त गंवाकर जीवा लावरिंच और डेजान फैबचिच से 4-5 (19-17) से हार गये।

पहला सेट 33-30 से जीतने के बाद स्लोवेनियाई जोड़ी ने दूसरे सेट में 34-29 से जीत दर्ज कर स्कोर बराबर कर लिया।

हरविंदर और पूजा ने तीसरे सेट में 38-33 से जीत के साथ वापसी की और फिर 4-2 से बढ़त बना ली। लेकिन वे अपने हक में समाप्त करने में असफल रहे। स्लोवेनियाई जोड़ी ने चौथा सेट 34-29 से जीता जिससे शूट-ऑफ खेला गया।

शूट-ऑफ में फैबचिच ने 9 अंक हासिल करके शानदार शुरुआत की और इसके बाद जीवा ने परफेक्ट 10 अंक हासिल किए जबकि हरविंदर 8 और पूजा 9 अंक ही हासिल कर सके।

निशानेबाज फिर विफल :

भारतीय निशानेबाज मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा के फाइनल में जगह नहीं बना सके ।

महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच 1) श्रेणी में कांस्य पदक जीतने वाली मोना छह सीरिज के बाद 610 . 5 स्कोर करके 30वें स्थान पर रही ।

वहीं 10 मीटर एयर राइफल प्रोन क्वालीफिकेशन में 28वें स्थान पर रहे सिद्धार्थ बाबू 615 . 8 के स्कोर के साथ 22वें स्थान पर रहे ।

स्पेन के जुआन अंतोनियो रेनाल्डो 626 . 9 का स्कोर करके शीर्ष रहे ।

दो विश्व कप स्वर्ण जीत चुकी मोना ने 104.5, 100.8, 99.2, 101.9, 101.7, 102.4 स्कोर किया । वहीं सिद्धार्थ ने 101.0, 102.0, 103.1, 104.6, 101.7 और 103.4 का स्कोर बनाया ।

 

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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