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छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया गया

भिलाई-स्थानीय श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के अंतर्गत जागरूकता अभियान चलाया गया।विश्वविद्यालय की आई क्यू ए सी के तत्वाधान में रैली,पोस्टर प्रदर्शनी,संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे नेत्र विशेषज्ञों ने नेत्रदान के महत्व पर सारगर्भित जानकारी दी। विश्व विद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ स्वरणली दास पॉल ने जानकारी देते हुए बताया कि नेत्रदान पखवाड़ा के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के विधार्थियों ने रैली निकालकर जागरूकता संदेश का प्रचार प्रसार किया।श्री शंकराचार्य मेडिकल इंस्टीट्यूट एवम अभिषेक मिश्रा मेमोरियल मेडिकल इंस्टीट्यूट के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में नेत्र विशेषज्ञों एवम चिकित्सा छात्र छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विश्व विद्यालय के कुलाधिपति आई पी मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि नेत्रदान एक महान कार्य है जो कॉर्निया प्रत्यारोपण वाले लोगों का जीवन पूरी तरह बदलने की क्षमता रखता है। नेत्रदान के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर वर्ष 25 अगस्त से 8 सितंबर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है।जो लोग रोगग्रस्त या अंधेपन के साथ जी रहें हैं,इस सर्जरी के परिणाम स्वरूप उनके जीवन में बड़ा बदलाव आता है।यह उन्हे दृष्टि देने,आत्मनिर्भरता हासिल करने और आत्मविश्वास के साथ जीवन गुजारने और करियर को आगे बढ़ाने में सहायक है जिससे वे वंचित थे।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आनंद देशपांडे ने बताया कि नेत्रदान मृत्यु के बाद ही होता है।एक व्यक्ति द्वारा नेत्रदान करने से दो नेत्रहीनों को आंख की रोशनी मिल सकती है। उन्होंने बताया कि नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस एंड विजुअल इंपियरमेंट के अनुसार लगभग दस लाख लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित हैं और कॉर्नियल ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहें हैं।यह इस बात का प्रमाण है कि लोगों के बीच अभी भी इसकी जागरूकता बढ़ाने बहुत कुछ करने की जरूरत है।इसी के लिए नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है।

विशेषज्ञ डॉ प्रतीक जैन ने अपने मुख्य वक्तव्य में बताया कि कॉर्निया प्रत्यारोपण जिसे कैरेटो प्लास्टी भी कहते हैं एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य क्षतिग्रस्त या रोगग्रस्त कॉर्निया को डोनर से प्राप्त स्वस्थ कॉर्निया से बदलना है।छात्रों को जानकारी देते हुए बताया कि कॉर्निया आंख का पारदर्शी अग्र भाग है जो आइरिस,आई बॉल और इंटीरियर चैंबर को ढकता है। साफ नज़र आने के लिए कॉर्निया का स्वस्थ होना जरूरी है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ए के झा ने भी विधार्थियों को संबोधित किया।संयोजक डॉ स्वर्णली दस पॉल ने बताया कि ईसायोजन में चिकित्सा,फार्मेसी के साथ ही विश्वविद्यालय के विधार्थी एवम शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के डायरेक्टर विकास डॉ सुशील चंद्र तिवारी ने नेत्रदान महादान के सफल आयोजन के लिए आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ और राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई को बधाई दी है।

Dinesh Purwar

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