RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

जाने मोहन सरकार क्यों बदलने जा रही राज्य की सीमाएं, क्या इन जिलों का आकार बना वजह, किसे होगा फायदा?

भोपाल
मध्य प्रदेश का नक्शा बदलने जा रहा है. नए संभाग बनेंगे, नए जिले बनेंगे और सीमाओं को नए सिरे से निर्धारित किया जाएगा. प्रदेश सरकार का मानना है कि अभी प्रदेश की सीमाओं को लेकर कई विसंगतियां हैं. इससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके लिए प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने परिसीमन आयोग का गठन किया है. इसकी जिम्मेदारी पूर्व आईएएस मनोज श्रीवास्तव को दी गई है. इसका उद्देश्य जिला मुख्यालयों को गांवों से करीब लाना है. ताकि, गांववालों को मुख्यालय जाने के लिए कई घंटों और सैकड़ों की किमी की दूरी न तय करनी पड़े.

बता दें, सरकार को यह फैसला इसलिए करना पड़ा, क्योंकि प्रदेश के कई जिले दस हजार स्क्वेयर किलोमीटर में फैले हैं, तो कई जिले तीन हजार स्क्वेयर किमी से भी कम हैं. इतना बड़ा क्षेत्रफल होने से गांववालों के लिए मुख्यालय आना परेशानी भरा रहता है. इसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, जब हमने सरकार बनाई तो इस बात पर ध्यान दिया कि भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के नाते मध्य प्रदेश का अपना क्षेत्रफल तो है, लेकिन समय के साथ इसमें कुछ कठिनाइयां भी आई हैं. जिले तो बढ़ गए, लेकिन जिलों की अपनी सीमाएं हैं. कई विसंगतियां हैं. कई संभाग बहुत छोटे हो गए हैं. ऐसी कई विसंगतियों के लिए हमने नया परिसीमन आयोग बनाया है, जिसके माध्यम से आस-पास के स्थानों को आस-पास के जिलों से जोड़कर लोगों की बेहतरी के लिए काम किया जाएगा.

कौन से जिले बड़े, कौन से जिले छोटे
भौगोलिक दृष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा जिला छिंदवाड़ा है. यह जिला करीब 11 हजार 815 स्क्वेयर किमी में है. इसके अलावा इंदौर करीब 10 हजार 863, छतरपुर करीब 10 हजार 863, शिवपुरी करीब 10 हजार 666, सीधी करीब 10 हजार 526 और सागर करीब 10 हजार 252 स्क्वेयर किमी में फैला है. जबकि, निवाड़ी जिला करीब 1170, मऊगंज करीब 1866, अशोकनगर करीब 2702, हरदा करीब 2644 और भोपाल जिला करीब 2772 स्क्वेयर किमी में फैला है.

आयोग की रिपोर्ट के बाद होगा निर्धारण
इस काम को करने के लिए एक अलग आयोग बनाने की योजना बनाई जा रही है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को सम्मलित किया जाएगा। राजनीति से भी दिग्गजों को शामिल किया जा सकता है। पर अभी तक यह तय नहीं है कि राजनीति से किन लोगों को इस काम में लगाया जाएगा। आयोग बनने के बाद वह अपना काम पूरा करेगा। फिर अपनी रिपोर्ट सौपेंगा। उसी के आधार पर नवीन सीमाओं का निर्धारण किया जाएगा।

सरकारी काम में आएगी तेजी
इस बदलाव से लाखों लोगों को फायदा मिलेगा। इससे लोगों को सरकारी कामकाज करवाने के लिए कम परेशानी का सामना करना होगा। साथ ही काम पूर्ण होने में भी रफ्तार आएगी। सीमाओं का सही तरीके से निर्धारण नहीं होने की वजह से कई क्षेत्रों के लोगों को मुख्यालयों तक पहुंचने में असुविधा होती है।

प्रशासनिक पुनर्गठन इकाई कर रही काम
इस बदलाव के लिए प्रशासनिक पुनर्गठन इकाई आयोग तेजी से काम कर रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही आयोग अपनी रिपोर्ट दे देगा, जिसके बाद नए सिरे से सीमाओं का निर्धारण किया जाएगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button