स्वास्थ्य

बेबी के लिए प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल करने से हो सकती हैं खतरे

डॉक्‍टर ने कहा कि एक नई रिसर्च से पता चला है कि जब प्‍लास्टिक की बोतलों को धोने के लिए गर्म पानी में डाला जाता है, तो इससे कुछ प्‍लास्टिक के कण निकलते हैं जो दूध के साथ बच्‍चे के पेट में चले जाते हैं। उनका कहना है कि ये माइक्रोप्‍लास्टि बच्‍चे के पेट और ब्रेन को भी डैमेज कर सकते हैं।

क्या करें

इससे बचने के लिए डॉक्‍टर ने प्‍लास्टिक की बोतलों को धोते समय इन्‍हें ओवरहीट न करने की सलाह दी है। अमेरिकन एकेडमी और पीडियाट्रिक्‍स के अनुसार बच्‍चों के लिए प्‍लास्टिक के बजाय ग्‍लास और स्‍टील की बोतलों का इस्‍तेमाल करना चाहिए। डॉक्‍टर ने कहा कि आप कभी भी बच्‍चे को ब्रेस्‍ट मिल्‍क या फॉर्मूला मिल्‍क देने के लिए प्‍लास्टिक की बोतलों को गर्म न करें।

केमिकल होता है

कुछ प्‍लास्टिक से हानिकारक केमिकल जैसे कि बीपीए और फ्थालेट्स खाासतौर पर गर्म करने पर निकलते हैं। ये तत्‍व हार्मोनल संतुलन को खराब कर सकते हैं और शिशुओं में स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा प्‍लास्टिक की बोतलें पर्यावरण के लिए भी नुकसान हैं। इनसे दूर रह कर आप बच्‍चे के साथ-साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

टेस्‍ट और गंध

कभी-कभी प्‍लास्टिक से दूध का स्‍वाद और गंध प्रभावित हो सकती है और इससे बेबी को परेशानी हो सकती है। ग्‍लास या स्‍टेनलेस स्‍टील ज्‍यादा बेहतर विकल्‍प होते हैं और इससे दूध की गुणवत्‍ता पर कोई असर नहीं पड़ता है।

क्‍या हैं विकल्‍प

प्‍लास्टिक की बोतलों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए आप ग्‍लास या हाई क्‍वालिटी की स्‍टेनलेस स्‍टील की बोतलों का प्रयोग करें। ये ज्‍यादा सुरक्षित और एनवायरमेंट फ्रेंडली होती हैं और इन्‍हें आप लंबे समय तक इस्‍तेमाल कर सकते हैं और इनसे कोई हानिकारक केमिकल भी नहीं निकलते हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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