हर पाकिस्तानी के सिर पर 2,95,000 रुपए का कर्ज… बढ़ते विदेशी ऋण ने बजाई खतरे की घंटी, क्या करेंगे शहबाज?
इस्लामाबाद
पाकिस्तान में आर्थिक संकट लगातार गहराता जा रहा है। पाकिस्तान के प्रत्येक नागरिक पर बकाया औसत कर्ज बढ़कर आश्चर्यजनक रूप से सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। पाकिस्तान में प्रति नागरिक औसत कर्ज अब 2,95,000 रुपए (पाक करेंसी) हो गया है। पाकिस्तान पर कुल बकाया कर्ज 8.36 ट्रिलियन रुपए तक बढ़कर 2024 में 71.24 ट्रिलियन रुपए हो गया है। पिछले साल पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं का कुल कर्ज 62.88 ट्रिलियन रुपए था। इसने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार की चिंताओं को बढ़ाते हुए नई चुनौती खड़ी कर दी है।
एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति की वजह सरकारों के लगातार कर्ज लेने और अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं के ऋण के जरिए अर्थव्यवस्था को चलाने की आदत है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए एआरवाई न्यूज ने कहा कि पाकिस्तान का वर्तमान ऋण स्तर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से 67.2 प्रतिशत अधिक है।
पाकिस्तान के सामने बड़ी आर्थिक चुनौती
पाकिस्तान के कर्ज में यह वृद्धि वर्तमान में उसकी बढ़ती वित्तीय चुनौतियों को बढ़ा रही है। पाकिस्तान के भीतर घरेलू ऋण वर्तमान में 8.350 ट्रिलियन रुपए तक बढ़ गया है और कुल 47.160 ट्रिलियन तक पहुंच गया है। दूसरी ओर पाकिस्तान का विदेशी कर्ज अब 33.062 ट्रिलियन पीकेआर है। इसमें से शुद्ध सरकारी विदेशी ऋण 21.75 ट्रिलियन रुपए तक पहुंच गया है।
एआरवाई न्यूज की इसी रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का बकाया कर्ज 292 अरब रुपए बढ़ गया है। इससे कुल आईएमएफ कर्ज 2.33 ट्रिलियन रुपए हो गया है। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान के घरेलू ऋण का सबसे बड़ा हिस्सा संघीय सरकार के बॉन्ड की वजह से है, जिसकी राशि 32.8 ट्रिलियन रुपए है।
पाकिस्तान का आगे का रास्ता हुआ मुश्किल
पाकिस्तान पर बकाया ऋण की वर्तमान संरचना में पाकिस्तान निवेश बॉन्ड (पीआईबी) शामिल हैं, जो 28 ट्रिलियन रुपए से अधिक हैं। इसमें सुकुक बॉन्ड कुल 4.77 ट्रिलियन रुपए है। इसके अतिरिक्त प्राइज बॉन्ड घरेलू ऋण में 345 अरब रुपए का योगदान करते हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के दस्तावेज से पता चलता है कि घरेलू ऋण के भीतर पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा ऋण 374 अरब और सर्टिफिकेट का खाता 84 अरब है।