RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

राज्यपाल मंगुभाई पटेल भजन संध्या संत वाणी कार्यक्रम में हुए शामिल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल भजन संध्या संत वाणी कार्यक्रम में हुए शामिल

बंदिश, भाषा और भौगोलिक सीमाओं से परे भजनों की राजभवन में हुई प्रस्तुति

राज्यपाल ने गांधी जयंती पर स्वच्छता सेवियों का किया सम्मान

भोपाल

राज्यपाल मंगुभाई पटेल गांधी जयंती पर आयोजित भजन संध्या संत वाणी में शामिल हुए। राजभवन के उत्कृष्ट सफाई मित्रों और भोपाल के स्वच्छता सेवियों को सम्मानित किया। राजभवन के सांदीपनि सभागार आयोजित भजन संध्या में गायन की बंदिश, भाषा के बंधन और भौगोलिक सीमाओं से परे भजनों की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर संस्कृति राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेद्र सिंह लोधी, राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेश चन्द गुप्ता, राज्यपाल के अपर सचिव उमाशंकर भार्गव, राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या मे भक्त श्रोतागण उपस्थित थे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन की हेड जमादार श्रीमती रूमा बाई, सफाई कर्मचारी मूलचंद बसोड़ और एजेन्सी सफाई कर्मचारी महेश बिछौले को पदक, प्रमाण पत्र और स्वच्छता किट प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर भोपाल नगर के स्वच्छता सहयोगी अशासकीय संस्थाओं के संस्थापकों को भी सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में स्वच्छता किटी ग्रुप भोपाल की को-फाउंडर सुरूचिका सचदेव और सकारात्मक सोच स्वच्छ भारत संगठन की को-फाउंडर सुअनिता शर्मा शामिल हैं।

संत वाणी कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुख्य गायक कलाकार राजीव सिंह ने अमन मलक एवं रोहित कुमार वानखेड़े के साथ अपनी उत्सव प्रधान गायकी की विशिष्ट शैली में भजनों का गायन किया। संत साहित्य से आई हुई संगीत की पारंपरिक विधा के निर्गुण भजन, सूफी कलाम और कृष्ण भक्ति के भजनों और गीतों की प्रस्तुति दी। उन्होंने सबसे पहले राजस्थानी शैली में इंग्लिश नरेशन के साथ "वंदे मातरम्" गीत की अनूठी प्रस्तुति दी। उत्सवी उल्लास के साथ कृष्ण भजन "सांसों की माला तोहरे नाम" से श्रोताओं को भक्ति के उल्लास में तरंगित कर दिया। संत कबीर के भजन "कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर" को जोशीले अंदाज में प्रस्तुत किया। पद्मविभूषण सम्मानित भूपेन हजारिका के गीत "गंगा बहती क्यों हो" के द्वारा श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। सभागार में दक्षिण भारत के कृष्ण भक्त नवाब सादिक की रचना "कन्हैया याद है, कुछ भी हमारी" की सुरीली स्वर लहरी से भक्ति की बयार बहा दी। प्रसिद्ध शायर नज़ीर अकबराबादी की नज्म आदमीनामा के चुनिंदा शेरों को अपनी विशिष्ट गायन शैली में प्रस्तुत किया। अमृतसर के कृष्ण भक्त अथोनी के पंजाबी भजन "कृष्णा तेरी मुरली ते भला कौन नही नाचदा, धरती चन सितारे नाच्दे, सारे भगत प्यारे नाच्दे" के द्वारा भजन संध्या के श्रोताओं को कृष्ण भक्ति में मगन कर दिया। संत वाणी की अंतिम प्रस्तुति में राजीव सिंह ने अमीर खुसरो के कलाम "काहे को ब्याहे बिदेस, अरे, लखिय बाबुल मोरे" की सुमधुर प्रस्तुति से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया।

भजन संध्या संत वाणी के प्रथम सत्र में रूपाली चटर्जी, तलत हसन, शिखा यादव, शिखा बामने, मौसमी साहा, गीतिका लाहोट और अंजना भाटिया महिला समूह द्वारा भजनों का गायन किया गया। भजन संध्या का आरंभ महिला समूह की प्रस्तुति "वैष्णव जन तेने कहिए" भजन से हुआ। इसके बाद फिल्म जागृति के गीत "दे दी हमें आज़ादी हमें बिना खड़ग बिना ढाल साबर मति के संत तूने कर दिया कमाल" का सामूहिक गायन किया। समूह की तीसरी और अंतिम प्रस्तुति संत कबीर के प्रसिद्ध भजन "चदरिया झीनी-झीनी" सहित गीतों की प्रस्तुतियों ने संत वाणी कार्यक्रम को भक्ति भावों में भिगो दिया।

भजन संध्या में गायक कलाकारों का वाद्ययंत्रों से संगत करने वालों में हनीफ हुसैन सारंगी, आरिफ खाँ बैंजो, आमिर खाँ तबले, प्रशांत श्रीवास्तव ढोलक, इकबाल खाँ ऑक्टोपैड और सुआरती ढोलक पर शामिल थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में संचालक संस्कृति विभाग एन.पी. नामदेव ने स्वागत उद्बोधन दिया। आभार प्रदर्शन नियंत्रक हाउस होल्ड श्रीमती शिल्पी दिवाकर ने किया।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button