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रतलाम में ककड़ी खाने से बच्चे की मौत, 4 बीमार, दो बहनें आईसीयू में भर्ती

रतलाम

 जिले के जड़वासा कलां गांव में बालम ककड़ी खाने से एक ही परिवार के 5 लोग बीमार हो गए। इनमें से 5 वर्षीय बालक की मौत हो जबकि मां और दो बेटियों का मेडिकल कॉलेज में उपचार जारी है।

जानकारी के अनुसार जड़वासा कलां निवासी किसान मांगीलाल पाटीदार (36), पत्नी कविता, बेटी दक्षिता (11), साक्षी (8) और बेटे क्रियांश (5) को बुधवार सुबह अचानक उल्टियां होने लगी। उन्हें रतलाम के एक निजी हॉस्पिटल में लाया गया था। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी और सभी गांव लौट गए थे। बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात 3 बजे कविता, दक्षिता, साक्षी और क्रियांश की फिर से तबीयत बिगड़ गई। इससे परिजन ने चारों को शासकीय मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया। यहां तड़के 4 बजे डॉक्टर ने क्रियांश को मृत घोषित कर दिया। दक्षिता और साक्षी की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। दोनों का आईसीयू में जबकि मां कविता का जनरल वार्ड में उपचार जारी है।

बालम ककड़ी खाने से बिगड़ी तबीयत

परिजन ने बताया कि मांगीलाल ने सोमवार को सैलाना-धामनोद रोड से बालम ककड़ी खरीदी थी। सभी ने शाम को बालम ककड़ी खाई। आशंका है कि ककड़ी खाने के कारण फूड पॉइजनिंग होने से सभी की तबीयत बिगड़ी। मांगीलाल के भाई रवि के अनुसार भाभी कविता और दोनों भतीजियों का उपचार जारी है। डॉक्टर भी प्रथमदृष्टया फूड पॉइजनिंग की आशंका जताई है।

फूड पॉइजनिंग के बाद भर्ती कराए गए थे

रतलाम मेडिकल कॉलेज के ऐपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव बोरीवाल ने बताया कि पांचों मरीज फूड पॉइजनिंग के कारण बीमार होकर‎ आए थे। सही ‎इलाज मिलने में लंबा गैप होने से भी ‎स्थिति बिगड़ी। क्रियांश का ब्लड सैम्पल लिया है‎, जांच करवाई जाएगी।

मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. विनय शर्मा ने कहा कि प्रथम दृष्टया बच्चे की मौत‎ फूड पॉइजनिंग से हुई है। मां‎ और दो बेटियों को इलाज किया जा रहा है। पुलिस ‎चौकी को इन्वेस्टिगेशन के‎ लिए लिखकर दिया था।

वहीं, पुलिस चौकी प्रभारी सुनील राघव ने‎ बताया कि फिलहाल इस तरह का ‎मामला नहीं आया है। जानकारी ‎आएगी तो पड़ताल की जाएगी।

कीटनाशक का छिड़काव करते हैं किसान

ऐपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. गौरव बोरीवाल ने बताया, ‘किसान फल और सब्जियों में लगने वाले कीड़ों को मारने के लिए ‎कीटनाशक का छिड़काव करते हैं, जो इनको अच्छी तरह धोने से ही साफ हो पाता‎ है। ककड़ी में पित्त भी होता है, जिसे उसके दोनों सिरों को काटने के बाद ‎रगड़कर निकाला जाता है।

ककड़ी देखकर खरीदें कि कहीं यह ज्यादा पुरानी तो नहीं है। फल और ‎सब्जी को काटते समय चेक करें क्योंकि इनमें कई बार कीड़े भी निकलते‎ हैं।

क्या है बालम ककड़ी

बालम ककड़ी मध्य भारत का मौसमी विशेष खीरा है। मध्य भारत के कुछ हिस्सों में आम तौर पर पाई जाने वाली विशाल ककड़ी की मौसमी किस्म, बालम ककड़ी एक ताज़ा देशी सामग्री है जो हाइड्रेटिंग है और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है

इसे कब खाना चाहिये

खीरा दिन या रात के किसी भी समय खाया जा सकता है क्योंकि यह शरीर को संतुलित करने में मदद करता है और शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने में मदद करता है। अगर आपका पाचन कमजोर या खराब है तो आपको रात में इसका सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि खीरे के बीज पचने में भारी होते हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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