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देश में खाद्य तेल की आवश्यकता की पूर्ति के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता सरकार समाप्त करेगी, राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन बनाया

भोपाल
देश में खाद्य तेल की आवश्यकता की पूर्ति के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता सरकार समाप्त करेगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन बनाया है। इसके अंतर्गत मध्य प्रदेश सहित देश के 21 राज्यों के तिलहन बीज उत्पादक 347 जिलों में उन्नत बीज दिए जाएंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यह बीज तैयार करेगा और फिर प्रमाणित बीज किसानों को निश्शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए पूरे देश में 600 क्लस्टर बनाए जाएंगे। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां मीडिया से चर्चा में दी।

खाद्य तेल मिशन
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने बताया कि 10 हजार 103 करोड़ रुपये की लागत से उन्नत बीज उत्पादन का कार्यक्रम चलाया जाएगा। अभी हमें देश की खाद्य तेल की आवश्यकता के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इस समाप्त करके आत्मनिर्भर बनने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन बनाया है। इसमें उन जिलों को शामिल किया गया है, जहां तिलहन का उत्पादन होता है।

किसान हित में उठाए कई कदम
मंत्री शिवराज ने बताया कि मोदी सरकार ने पिछले 120 दिन में किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं। देश में अब जो तेल आयात होगा, उस पर आयात शुल्क 27 प्रतिशत देना होगा। यह अभी शून्य था। पाम आयल और बाकी तेल के आने से सोयाबीन सहित अन्य उपज के मूल्य काफी कम हुए थे। आयात शुल्क लगाने से औसत पांच सौ रुपये प्रति क्विंटल सोयाबीन का मूल्य बढ़ा है और यह क्रम जारी है।

सोयाबीन भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है ताकि मूल्य ठीक दिए जा सकें। इसी तरह बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क लगा था, जिसे समाप्त कर दिया है। निर्यात बढ़ने से बासमती की कीमत बढ़ेंगी। इसकी तरह गैर बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटाने के कारण भी किसानों को धान का अच्छा मूल्य मिलेगा। प्याज का निर्यात शुल्क भी 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। इसका सीधा लाभ किसानों को होगा।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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