राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

दिवाली पर भक्तों के वैभव से दमकेगा रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर

रतलाम
 रतलाम शहर के माणकचौक स्थित प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में पांच दिवसीय दीपोत्सव में भक्तों द्वारा सजावट के लिए दिए जाने वाले रुपये, आभूषण, मोती आदि से विशेष शृंगार की तैयारी हो गई है। 17 अक्टूबर से सामग्री लेना शुरू की जाएगी।

पहले दिन धनतेरस पर ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के पट खोले जाएंगे। विशेष शृंगार के दर्शन भाईदूज तक लगातार किए जा सकेंगे। इसके बाद श्रद्धालुओं को सामग्री वापस देना शुरू की जाएगी।

2008 के बाद से बढ़ा शृंगार का स्वरूप

इस सामग्री से होने वाले विशेष शृंगार को लेकर मंदिर देश भर में प्रसिद्ध है। पूर्व में कुछ ही लोग सामग्री देते थे, लेकिन वर्ष 2008 के बाद से सामग्री देने वाले भक्तों की संख्या बढ़ने पर शृंगार का स्परूप भी विस्तृत कर दिया गया। दी जाने वाली सामग्री को रजिस्टर में दर्ज कर श्रद्धालु को टोकन दिया जाता है। इसी टोकन से सामग्री वापस मिल जाती है। इस बार भी यही व्यवस्था रहेगी।

सुरक्षा के लिए रहते हैं जरूरी इंतजाम

पांच दिवसीय दीपोत्सव के दौरान सुरक्षा के लिए मंदिर समिति व पुलिस प्रशासन भी सभी जरूरी इंतजाम करता है। अतिरिक्त पुलिस बल लगाया जाता है। मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे का डिस्प्ले पास में स्थित माणकचौक थाने पर रहता है।

वहां से भी निगरानी होती है। मंदिर के संजय पुजारी ने बताया कि 17 से 28 अक्टूबर तक सामग्री ली जाएगी। भाई दूज के बाद रजिस्टर में दर्ज फोटो, टोकन आदि के आधार पर ही सामग्री वापस की जाएगी। रतलाम शहर के साथ यहां बाहर से भी लोग अपनी सामग्री जमा कराने के लिए मंदिर में पहुंचते हैं।

महालक्ष्मी मंदिर में विशेष शृंगार पर नजर

सामग्री – सोने-चांदी के आभूषण, चांदी की सिल्लियां, पांच से लेकर 500 रुपये तक के नोट, श्रीयंत्र, कछुआ, तिजोरी आदि महालक्ष्मी मंदिर में ली जाती है।

सामग्री देने वाले औसतन श्रद्धालु – करीब 3000 श्रद्धालु यहां सामग्री जमा कराने के लिए पहुंचते हैं।

मान्यता – महालक्ष्मी मंदिर में रखी शृंगार सामग्री वापस लेने के बाद घर की तिजोरी, पूजन स्थान पर रखने से सालभर सुख-समृद्धि बनी रहती है।

व्यवस्था – धनतेरस से मंदिर में विशेष दर्शन शुरू होते हैं। दर्शन व्यवस्था में भी भक्त सहयोग करते हैं।

सुरक्षा – दीपोत्सव में मंदिर में विशेष पुलिस बल के साथ ही सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जाती है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button