व्यापार जगत

सीयूईटी इंटरनेशनल ने तंबाकू विज्ञापनों से जुड़े प्रस्तावित नियमों को लेकर चिंता जताई

नई दिल्ली
 अनुसंधान कंपनी सीयूटीएस इंटरनेशनल ने तंबाकू सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के सरकार के इरादे का  स्वागत किया, लेकिन प्रस्तावित योजना की प्रभावशीलता को लेकर आपत्ति जताई।

संस्था ने सरकार से ओटीटी प्लेटफार्मों पर ऑडियो-विजुअल अस्वीकरण के रणनीतिक उपयोग की सिफारिश की। यह सिफारिश प्रस्तावित सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2023 के बारे में दिए गए सुझावों में शामिल है।

पिछले महीने, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफार्मों पर प्रसारण के दौरान तंबाकू के उपयोग से पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में कम से कम 30 सेकंड के लिए ‘नॉन-स्किपेबल’ चेतावनी और 20 सेकेंड का एक ऑडियो-विजुअल अस्वीकरण अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने का प्रस्ताव रखा था। नॉन स्किपेबल चेतावनी का मतलब ऐसी चेतावनी से है, जिसे देखना अनिवार्य है।

तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत करते हुए, सीयूटीएस इंटरनेशनल ने कहा कि उसे प्रस्तावित नियमों के प्रभाव और अनुपात के बारे में कुछ चिंताएं हैं।

सीयूटीएस ने ‘उपयोगकर्ता द्वारा बार-बार देखी जाने वाली सामग्री के आधार पर ऑडियो-विज़ुअल अस्वीकरण और चेतावनी के रणनीतिक उपयोग’ की सिफारिश की है।

संस्था ने हितधारकों को लक्षित समूहों की पहचान करने और उसके अनुसार इन चेतावनियों के प्रसारण की संख्या निर्धारित करने का सुझाव दिया है।

एक बयान में कहा गया, ‘आयु-आधारित फिल्टर यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं कि दर्शकों को परेशान किए बिना चेतावनियां उचित रूप से प्रदर्शित की जाएं।’

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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