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छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

नृत्यधाम कला समिति द्वारा “देश राग “का आयोजन,समापन 21 अक्टूबर को होगा

भरतनाट्यम और कथक की प्रस्तुति ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

विजेता प्रतिभागियों को किया जा रहा है सम्मानित

भिलाई-नृत्यधाम कला समिति द्वारा देश राग ओपन राष्ट्रीय नृत्य,संगीत,ड्राइंग एवं पेंटिंग प्रतियोगिता का नौ दिवसीय आयोजन 13 से 21 अक्टूबर तक किया जा रहा है। इसमें शामिल होने एवं अपनी प्रस्तुति देने देश के विभिन्न हिस्सों से बच्चे अपने परिजनों के साथ भिलाई पहुंचे हुए है।

नृत्य गुरु डॉ. राखी रॉय ने बताया कि बच्चों में छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए ये प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। प्रतियोगिता में शामिल होने देश के विभिन्न क्षेत्रों से करीब 2 हजार प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। बच्चों की अधिक संख्या को देखते हुए एसएनजी विद्या भवन सेक्टर-4 भिलाई और सुराना कॉलेज दुर्ग में यह आयोजन किया गया है। प्रतिदिन सुबह 9.30 बजे से बच्चों की प्रस्तुति प्रारंभ होती है जो रात करीब 10 बजे तक चलती रहती है। आयोजन में जज के रूप में जॉनसन, चैतन्य बोरकर, युवराज और रजनी मेनन विजेता बच्चों का चयन कर रही है। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को रोज मोमेंटों और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जा रहा है। अब तक 1300 प्रतिभागियों को सम्मानित किया जा चुका है।

नृत्य गुरु डॉ.राखी रॉय ने बताया कि कुचिपुड़ी, भरतनाट्यम, कथक, मोहिनी अट्टम की प्रस्तुति प्रतिभागियों द्वारा दी जा रही। जिसकी कि दर्शकों ने काफी सराहना की।कला प्रेमियों को कुचिपुड़ी, भरतनाट्यम,कथक, मोहिनी अट्टम की मनमोहक प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनमें कई कई प्रतिभागी ऐसे भी हैं जो पहले कभी नृत्य गुरु डॉ. राखी रॉय के शिष्य थे,आज गुरु बनकर दूसरे बच्चों को भी प्रतियोगिता में शामिल होने अपने साथ लेकर आये है।

अंतर राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुति का मिलेगा मौका
डॉ.राखी रॉय ने बताया कि विजेताओं को अंतर राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान कराया जाएगा। इससे भारत के बाहर अपनी कला को प्रस्तुत करने का एक उत्कृष्ट अवसर मिलेगा। प्रतियोगिता की भावना और मान्यता की भावना कलाकार को कला और संगीत के चुने हुए क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। विजेताओं को व्यक्तिगत रूप से स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक और योग्यता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा, भले ही वे एकल और समूह में भाग ले रहे हों। डॉ.रॉय ने प्रतिभागियों से उच्च लक्ष्य निर्धारित की बात कही। उन्हेंने बच्चों और उनके परिजनों से कहा कि वे आत्मविश्वास और आत्मनेतृत्व विकसित करें जो बाद में कलाकार को ईमानदारी,संवेदनशीलता, उनकी कला प्रतिभा के प्रति जागरूकता के मॉडल में बदल देगा और उन्हें कलासमृद्ध जीवन की भावना प्रदान करेगा। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि नृत्यधाम कला समिति का यह 18 वां आयोजन है। भारत के साथ विदेशों में कई आयोजन पूर्व में आयोजित किये जा चुके हैं।

Dinesh Purwar

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