RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

सड़क और पुल निर्माण में नई तकनीकों के उपयोग पर दो दिवसीय सेमिनार सम्पन्न

भोपाल
सड़क निर्माण में चुनौतियों, नई तकनीकों और ईपीसी अनुबंधों के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने के उद्देश्य से आयोजित सड़क और पुल निर्माण पर दो दिवसीय सेमिनार रविवार को सम्पन्न हुआ। समापन पूर्व द्वितीय दिवस विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। इसमें नई निर्माण तकनीकों और इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) अनुबंधों पर गहन चर्चा की गई।

सत्र की शुरुआत भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) के महासचिव श्री एस.के. निर्मल के वक्तव्य से हुई। इसमें उन्होंने ईपीसी अनुबंधों का विस्तृत परिचय दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार ईपीसी अनुबंध सड़क निर्माण क्षेत्र में अनुशासन और समयसीमा को सुनिश्चित करते हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी श्री एस.के. सिंह ने ईपीसी अनुबंधों में ग्राहक की भूमिका और शेड्यूल की तैयारी पर चर्चा की। बताया गया कि कैसे अनुबंधों में समयसीमा का पालन किया जाना आवश्यक है और इसके लिए पूर्व नियोजन महत्वपूर्ण होता है।

दोपहर के सत्र में, ईपीसी अनुबंधों में अप्रूविंग इंजीनियर (एई) की भूमिका पर चर्चा की गई। इस सत्र की अध्यक्षता आईआरसी के पूर्व अध्यक्ष और हरियाणा पीडब्ल्यूडी के पूर्व इंजीनियर-इन-चीफ डॉ. महेश कुमार ने की। उनके साथ, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के पूर्व महानिदेशक श्री आई.के. पांडे ने भी इस सत्र में भाग लिया। श्री पांडे ने ईपीसी अनुबंधों में उत्पन्न होने वाले विवादों और चुनौतियों पर विचार साझा किए। सत्र में ठेकेदारों के दृष्टिकोण से भी अनुबंधों में आने वाली समस्याओं और उनके अनुभवों को प्रस्तुत किया गया।

इस अवसर पर निर्माण क्षेत्र में नई तकनीकों पर पैनल चर्चा भी आयोजित की गई। इस चर्चा में आईआरसी के महासचिव श्री एस.के. निर्मल, मध्य प्रदेश पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर-इन-चीफ श्री आर.के. मेहरा, एनएचएआई, भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी श्री एस.के. सिंह, आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर एम.ए. रेड्डी और सीएसआईआर-सीआरआरआई, नई दिल्ली के डॉ. अभिषेक मित्तल जैसे विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। पैनल ने निर्माण में नई तकनीकों के विकास, उनकी संभावनाओं और उनसे जुड़े चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। पैनल ने विशेष रूप से यह चर्चा की कि किस प्रकार इन तकनीकों का उपयोग करके निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और गति को बेहतर किया जा सकता है।

सत्रों के बाद प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें उपस्थित प्रतिभागियों ने सड़क निर्माण की प्रक्रिया में आने वाली विभिन्न चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तार से चर्चा की। सेमिनार के समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों ने ईपीसी अनुबंधों और नई तकनीकों के उपयोग की महत्ता को समझा। विशेषज्ञों ने इस सेमिनार को निर्माण क्षेत्र में नई दिशा देने वाला बताया और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया।

यह सेमिनार निर्माण क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हुआ, जिसमें उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा किया। ईपीसी अनुबंधों और नई तकनीकों पर की गई गहन चर्चाओं ने निर्माण प्रक्रिया में सुधार और दक्षता को बढ़ाने के नए अवसर प्रदान किए हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button