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छत्तीसगढ़ के मरोड़ा गांव के सरपंच लक्ष्मण मंडावी सात लाख रुपये की ठगी का शिकार हुए, तंत्र-मंत्र के फेर में फंसे

कांकेर/कापसी
छत्तीसगढ़ के मरोड़ा गांव के सरपंच लक्ष्मण मंडावी सात लाख रुपये की ठगी का शिकार हो गए। यह ठगी तंत्र-मंत्र के जरिए गड़ा खजाना निकालने का झांसा देकर की गई। मामला इस प्रकार है कि बीते वर्ष महाराष्ट्र के यवतमाल जिले से कुछ लोग लक्ष्मण मंडावी के घर पहुंचे। उन्होंने सरपंच को विश्वास दिलाया कि उनके खेत में उनके पूर्वजों का गड़ा हुआ सोना छिपा है और वे तंत्र-मंत्र के जरिए इसे बाहर निकाल सकते हैं। इसके बदले में उन्हें पैसे की मांग की गई।

इन ठगों ने यह भी धमकी दी कि अगर यह खजाना नहीं निकाला गया, तो सरपंच के घर में किसी की आकस्मिक मृत्यु हो सकती है। इस डर से घबराए सरपंच ने उनसे उपाय पूछा। ठगों ने बताया कि वे एक शुभ तिथि पर आएंगे और खजाना निकाल देंगे।
 
20 दिसंबर 2023 को वे सरपंच के घर आए, आंगन में तुलसी के पौधे के पास तंत्र-मंत्र किया, और फिर पैसों की मांग की। डर के कारण सरपंच ने पहले तीन लाख पचास हजार रुपये दिए। इसके बाद ठगों ने दोबारा पैसे की मांग की, जिससे उन्होंने एक लाख पचास हजार रुपये और दिए। इस प्रकार अलग-अलग समय पर कुल सात लाख रुपये ठगों को दे दिए गए।

डर की वजह से सरपंच ने ठगी की बात किसी को नहीं बताई
लक्ष्मण मंडावी ने बताया कि आत्म-सम्मान और भय के कारण उन्होंने इस ठगी की बात किसी को नहीं बताई। हालांकि, उनके परिवार वाले इस घटना के गवाह थे और पंचायत के कुछ सदस्य, जैसे सुखरंजन उसेंडी, दयाल राय और गौरीशंकर नगर को इस घटना की जानकारी थी। आखिरकार, 18 अक्टूबर को सरपंच लक्ष्मण मंडावी ने बांदे थाना में मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

सरपंच के मुताबिक ठगों में प्रवीण शेंगर, अरविंद शेंगर, बंडू शिंदे, युवराज शिंदे, हीरालाल जगताप और राम कृष्ण झरेकर शामिल थे। थाना प्रभारी जितेंद्र साहू ने इस मामले को संज्ञान में लिया और छह ठगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 448, 420 और 147 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, और आरोपियों की तलाश जारी है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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