राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

अपनी पार्टी के इस्तीफे के दबाव के बीच ही जस्टिन ट्रूडो ने एक बड़ा फैसला लिया, भारतीयों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं

कनाडा
अपनी पार्टी के इस्तीफे के दबाव के बीच ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बड़ा फैसला लिया है। ट्रूडो ने हाल ही में विदेशी कामगारों की संख्या में कमी लाने की घोषणा की है, जिससे वहां रह रहे अप्रवासी भारतीयों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भारतीयों के लिए यह निर्णय विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि कनाडा में काम पाने के लिए पहले से ही उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था।  बता दें कि कनाडा में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है।  ट्रूडो की अपनी ही लिबरल पार्टी के  सांसदों ने उनके खिलाफ खुलकर बगावत कर दी है और  इस्तीफा देने की मांग की है । यह विवाद खासकर भारत के साथ बढ़ते तनाव के बाद और भी बढ़ गया है। सांसदों ने ट्रूडो को 28 अक्टूबर तक अपना फैसला लेने का समय दिया है, वरना पार्टी के भीतर और अधिक कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।  

ट्रूडो ने अपने एक एक्स पोस्ट में बताया कि कनाडा में विदेशी कर्मचारियों की संख्या में कमी लाने के लिए सरकार कंपनियों पर सख्त नियम लागू करने जा रही है। नए नियमों के अनुसार, कंपनियों को पहले यह साबित करना होगा कि उन्होंने कनाडाई नागरिकों को नौकरी देने की कोशिश की थी, इससे पहले कि वे विदेशी कामगारों को नियुक्त कर सकें।इस निर्णय को लेकर कई लोग चिंतित हैं, क्योंकि भारतीय अप्रवासी पहले से ही सीमित प्लेसमेंट और रोजगार के अवसरों का सामना कर रहे हैं। ट्रूडो के इस ऐलान के बाद उनकी स्थिति और भी खराब हो सकती है।

इसके अलावा, ट्रूडो की लिबरल सरकार ने 2025 में नए स्थायी निवासियों की संख्या को घटाकर 3,95,000 करने का निर्णय लिया है, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में एक महत्वपूर्ण कमी है। इसके साथ ही, अस्थायी प्रवासियों की संख्या भी लगभग 300,000 तक घटाई जाएगी।कनाडा में हाल के वर्षों में आवास की कीमतों में भारी वृद्धि के बाद, अप्रवासियों के लिए आलोचना और बहस की स्थिति उत्पन्न हुई थी। ये सभी बदलाव संकेत देते हैं कि कनाडा में आव्रजन नीति में बदलाव आ रहा है, जिसका सबसे अधिक प्रभाव भारतीय कामगारों और छात्रों पर पड़ेगा। अप्रवासियों की संख्या में कमी से अपेक्षाकृत अधिक जनसंख्या के मुद्दे पर भी विचार किया जा रहा है, जो कि पिछले कुछ वर्षों में रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई है।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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