राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

भारत और चीन भले ही पड़ोसी मुल्क हैं, लेकिन दोनों के बीच सांस्कृतिक अंतर काफी गहरे हैं, अब भगवान राम से मर्यादा सीखेगा चीन!

नई दिल्ली, बीजिंग
भारत और चीन भले ही पड़ोसी मुल्क हैं, लेकिन दोनों के बीच सांस्कृतिक अंतर काफी गहरे हैं। इस बीच चीन ने एक बड़ी पहल की है। इसके तहत हिंदू धर्म में बहुत अधिक मान्यता रखने वाली रामायण का मंचन राजधानी बीजिंग में कराया जाएगा। यह कार्यक्रम 25 जनवरी को बीजिंग के शुनयी ग्रैंड थिएटर में शाम को 7 बजे होगा। भारत में स्थित चीनी दूतावास की प्रवक्ता यु जिंग ने इस बारे में जानकारी दी है। यु जिंग ने एक्स अकाउंट पर इसके बारे में जानकारी दी है, जिस पर लोगों ने खुशी जताते हुए कहा कि यह चीन की रिश्तों को सुधारने के लिए एक अच्छी पहल है, जिसका स्वागत होना चाहिए।

यही नहीं कई यूजर्स ने लिखा है कि सनातन धर्म के मूल्य ही ऐसे हैं कि 21वीं सदी में पूरी दुनिया को उनसे सीख मिलती है। चीन में रामायण पर होने वाली यह प्रस्तुति प्रोफेसर जि शियानलिन के संस्कृत से मंदारिन में किए गए अनुवाद पर आधारित होगी। इस नाट्य प्रस्तुति का निर्देशन भारतनाट्यम एक्सपोनेंट से जुड़े जिन शानशान करने वाले हैं। यह कार्यक्रम बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से किया जा रहा है। चीन में रामायण के मंचन को लेकर शीर्ष सरकारी सूत्रों की ओर से कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन साफ है कि भारत के साथ शी जिनपिंग सरकार रिश्ते सुधारना चाहती है।

2020 में लद्दाख में सीमा पर दोनों सैनिकों के बीच खूनी झड़प हो गई थी। इसके बाद कई सालों तक दोनों देशों के रिश्तों में बर्फ जमी रही, लेकिन बीते कुछ महीनों में रिश्ते सहज होते दिखे हैं।एक तरफ सीमा विवादों को निपटाने के लिए दोनों देश आगे आए हैं तो वहीं लद्दाख में सैनिकों को भी थोड़ा पीछे हटाया गया है। इस तरह सीमा पर रिश्तों में पिघली बर्फ का असर अब सांस्कृतिक और राजनयिक रिश्तों में भी दिख रहा है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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