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दंपति ने जीता 15 साल बाद केस, गूगल को 26,000 करोड़ का झटका

लंदन
15 साल से चले आ रहे एक मामले में टेक दिग्गज गूगल को हार का सामना करना पड़ा है। इस मामले में इंग्लैंड के एक दंपति को जीत मिली है और गूगल पर 26,000 करोड़ रुपये (2.4 मिलियन) का जुर्माना लगाया गया है। इंग्लैंड के शिवॉन और एडम रैफ नामक दंपति ने 2006 में "पाउंडम" नाम की एक वेबसाइट शुरू की थी। यह एक मूल्य तुलना (Price Comparison) वेबसाइट थी, लेकिन लाइव होते ही इसकी विजिबिलिटी लगातार गिरने लगी। खासकर Google पर ‘मूल्य तुलना’ और ‘खरीदारी’ जैसे शब्दों में वेबसाइट सर्च की जा रही थी। बाद में दंपति को पता चला कि गूगल के ऑटोमैटिक स्पैम फ़िल्टर के सर्च पेनल्टी की वजह से वेबसाइट की विजिबिलिटी कम हो गई है। गूगल की वजह से अपनी वेबसाइट के पतन की बात जानकर दंपति हैरान रह गए।

पाउंडम वेबसाइट के संस्थापक के अनुसार, गूगल के ऑटोमैटिक स्पैम फ़िल्टर के सर्च पेनल्टी की वजह से यूजर्स तक हमारी पहुँच मुश्किल हो गई। यूजर्स हमारी वेबसाइट पर आने में असमर्थ थे। इस वजह से रेवेन्यू जेनरेट करना हमारे लिए एक बड़ी समस्या बन गया। शुरुआत में वेबसाइट की विजिबिलिटी कम होने का कारण तकनीकी खराबी समझा गया।

बीबीसी से बात करते हुए एडम ने बताया, "हमारे पेज और रैंकिंग को देखते हुए वेबसाइट पर आने वाले लोगों की संख्या घटने लगी। हमने सोचा कि हमें सही तरीके से काम करना होगा और विशेषज्ञों से संपर्क करना होगा। दो साल बाद, कई कोशिशों के बावजूद, Google ने पेनल्टी नहीं हटाई। फाउंडम का ट्रैफिक भी धीरे-धीरे कम होता रहा। लेकिन अन्य सर्च इंजन इसे सामान्य रूप से रैंक करते रहे।"

आखिरकार 2010 में एडम ने यूरोपियन कमीशन से संपर्क किया, जिसके बाद मामले ने गति पकड़ी। एंटीट्रस्ट जांच में पाया गया कि फाउंडम की प्रतिस्पर्धा की तुलना में गूगल अपनी शॉपिंग सेवा को बढ़ावा दे रहा था। 2017 में, जांच रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुनाते हुए यूरोपियन कमीशन ने कहा कि गूगल ने बाजार पर अपने नियंत्रण का दुरुपयोग किया है। इसके बाद गूगल पर 2.4 बिलियन पाउंड (लगभग 26,172 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया।

यूरोपियन कमीशन के फैसले को चुनौती देते हुए गूगल ने यूरोपियन कोर्ट में अपील दायर की थी। कोर्ट में पूरे सात साल तक मामले की सुनवाई चली। आखिरकार 2024 में यूरोपियन कोर्ट ने यूरोपियन कमीशन के फैसले को बरकरार रखा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एडम की पत्नी शिवॉन ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "हम दोनों शायद इस भ्रम में पले-बढ़े हैं कि हम बदलाव ला सकते हैं। हमें वास्तव में बदमाश पसंद नहीं हैं।"

दंपति ने गूगल के खिलाफ नागरिक क्षतिपूर्ति का दावा भी दायर किया है। इस दावे पर सुनवाई 2026 में होगी। बताया जा रहा है कि 2016 में दंपति ने फाउंडम वेबसाइट को बंद करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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