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दिल्ली ही नहीं, इन 6 राज्यों में भी पटाखे हुए बैन, पर्यावरण संबंधी चिंताओं के मद्देनजर सख्त नियम लागू

नई दिल्ली-दिवाली और सर्दियों का मौसम नजदीक आते ही, भारत के कई राज्य बढ़ते प्रदूषण स्तर से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं। पर्यावरण संबंधी चिंताओं के मद्देनजर, दिल्ली, पंजाब और तमिलनाडु जैसे राज्यों में पटाखों के उपयोग पर सख्त नियम लागू किए गए हैं। इन नियमों का उद्देश्य इस उत्सव के दौरान वायु गुणवत्ता में गिरावट को कम करना है। आइए जानते हैं उन 7 राज्यों के बारे में जिन्होंने पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है:

दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध
दिल्ली में हर साल सर्दियों में एयर क्वालिटी की गंभीर समस्याएं होती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए “दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति” ने 1 जनवरी 2025 तक सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। इसमें ऑनलाइन बिक्री भी शामिल है। दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर केवल ‘ग्रीन पटाखों’ को कुछ घंटों के लिए जलाने की अनुमति दी गई है।

बिहार में पूरी रोक
बिहार के प्रमुख शहरों जैसे पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में सभी प्रकार के पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस फैसले में पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को भी शामिल किया गया है। यह कदम वायु प्रदूषण को कम करने और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। अब इन शहरों में लोग त्योहारों का आनंद बिना पटाखों के ले सकेंगे, जिससे स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित होगा।

महाराष्ट्र में ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति
महाराष्ट्र में केवल ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति है, जो पारंपरिक पटाखों की तुलना में लगभग 30% कम प्रदूषण करते हैं। इसके अलावा, मुंबई पुलिस ने 23 अक्टूबर से 24 नवंबर तक स्काई लालटेन की बिक्री और उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया है।

कर्नाटक में समय सीमा
कर्नाटक की राज्य सरकार ने लोगों से केवल ग्रीन क्रैकर्स का उपयोग करने की अपील की है। पर्यावरण मंत्री ने दिवाली पर पटाखे जलाने का समय रात 8 से 10 बजे तक सीमित करने की सिफारिश की है, लेकिन इस पर कोई आधिकारिक प्रतिबंध नहीं है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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