RO.NO. 13207/103
व्यापार जगत

देश में शादियों के बाजार से छह लाख करोड़ रुपये आएंगे, अर्थव्यवस्था को एक नया बल मिलेगा

नई दिल्ली
दिवाली का त्योहार बीत चुका है। अब महापर्व छठ (Chhath Mahaparv) की तैयारी शुरू हो गई है। इसके बीतते ही 12 नवंबर को देवोत्थान एकादशी है। फिर शुरू हो जाएगा शादी-ब्याह का मौसम। इस साल शादी का लगन 16 दिसंबर तक चलेगा। अनुमान है कि इस दौरान देश भर में करीब 48 लाख शादियां होंगी। इन शादियों से बाजार में करीब छह लाख करोड़ रुपये आएंगे। मतलब कि अर्थव्यवस्था को एक नया बल मिलेगा।

कहां से आया है यह अनुमान

देश के रिटेल कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने एक अध्ययन रिपोर्ट जारी किया है। इसी में दावा किया गया है कि इस साल नवंबर और दिसंबर महीने में करीब 48 लाख शादियां होने का अनुमान है। संगठन का कहना है कि इन शादियों से करीब 6 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है। पिछले साल इस सीजन में करीब 35 लाख शादियों से कुल 4.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था। कैट का कहना है कि देश भर के 75 प्रमुख शहरों में शादी से संबंधित वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार करने वाले प्रमुख व्यापारी संगठनों से चर्चा के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है।

इस बार शुभ मुहूर्त की ज्यादा है तिथियां

बताया जाता है कि इस साल शुभ विवाह मुहूर्त की तिथियों में वृद्धि के कारण व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान है। वर्ष 2023 में 11 शुभ मुहूर्त थे, जबकि इस वर्ष 18 मुहूर्त है। इससे व्यापार को और अधिक बढ़ावा मिलने की संभावना है। इस दौरान दिल्ली में ही अनुमानित 4.5 लाख शादियां होंगी। इससे इस सीजन में 1.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार की उम्मीद है।

किस-किस दिन लगन

कैट के अनुसार, इस साल के शादी सीजन में नवंबर में शुभ तिथियां 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28 और 29 हैं, जबकि दिसंबर में ये तिथियां 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15 और 16 हैं। इसके बाद लगभग एक महीने तक शादियों के सीजन में विराम होगा। इसके बाद साल 2025 में मध्य जनवरी से मार्च तक फिर से शादियां शुरू होंगी।

एक शादी में कितना खर्च

कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल के मुताबिक दो महीने के दौरान देश भर में 10 लाख शादियों में औसतन 3 लाख रुपये खर्च होंगे। करीब 10 लाख शादियों में 6 लाख रुपये खर्च होंगे। करीब 10 लाख शादियां ऐसी होंगी जिनमें 10 लाख रुपये, इतनी ही शादियों में 15 लाख रुपये खर्च होंगे। लगभग 7 लाख शादियां ऐसी होंगी जिनमें औसतन 25 लाख रुपये खर्च होंगे जबकि 50,000 शादियों में 50 लाख रुपये खर्च होंगे। देश में करीब 50,000 ऐसी शादियां होंगी जिनमें एक करोड़ या उससे अधिक राशि के खर्च होने का अनुमान है।

शादी में किन वस्तुओं पर कितना खर्च

खंडेलवाल के अनुसार, शादी के खर्च को सामान और सेवाओं के बीच विभाजित किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से कपड़े, साड़ियां, लहंगे, और अन्य परिधान पर 10%, आभूषण पर 15%, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली उपकरण, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 5%, सूखे मेवे, मिठाइयां, और स्नैक्स 5%, किराना और सब्जियां 5%, उपहार आइटम्स 4% तथा अन्य वस्तुओं पर 6% का अमूमन खर्च होता है। दूसरी आर सर्विस सेक्टर में बैंक्वेट हॉल, होटल, और शादी के स्थल पर 5%, इवेंट मैनेजमेंट 3%, टेंट सजावट 10%, केटरिंग एवं सेवाएं 10%, फूल सजावट 4%, परिवहन और कैब सेवाएं 3%, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी 2%, ऑर्केस्ट्रा, संगीत आदि 3%, लाइट और साउंड 3% तथा अन्य सेवाएं 7%, के खर्च के अंदाज़ से संपन्न होती हैं।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.NO. 13207/103

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button