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केंद्र सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट को बताया बंगाल की राज्य सरकार पूर्व पुलिस आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है

कोलकाता
केंद्र सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को बताया कि बंगाल की राज्य सरकार कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। कोर्ट को केंद्र की ओर से बताया गया कि आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में पीड़िता का नाम लेने के लिए पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अशोक चक्रवर्ती ने विगत माह में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश टीएस. शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को इस बात की जानकारी दी।

मामले में HC ने क्या दिया आदेश?
इस जानकारी के बाद खंडपीठ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को इस मामले में पक्षकार बनाने के भी आदेश दिए हैं। चूंकि डीओपीटी सभी केंद्रीय सेवा अधिकारियों का कैडर-नियंत्रण प्राधिकरण है, इसी में आईपीएस शामिल हैं। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से हलफनामा भी मांगा है। इस हलफनामें में कानून के उल्लंघन पर अखिल भारतीय सेवा के किसी अधिकारी के खिलाफ की जा सकने वाली कार्रवाई के प्रवृत्ति के बारे में बताए जाने की बात कही है।
 
बंगाल सरकार पर कोई प्रतिबंध नहीं: केंद्र
जानकारी दें कि गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक चक्रवर्ती ने कोर्ट को बताया कि इस पूरे मामले में पूर्व नगर पुलिस आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने में पश्चिम बंगाल सरकार पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इसी के साथ अगर राज्य सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं शुरु करती है तो याचिकाकर्ता नए सिरे से हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर सकता है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी। पूरे मामले में जनहित याचिका एक कानूनी व्यवसायी अनीता पांडे ने दायर की है। अपनी याचिका में अनीता पांडे ने पूर्व नगर पुलिस आयुक्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अपील की है।

गोयल ने बरती थी जांच में लापरवाही!
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) के वर्तमान अतिरिक्त महानिदेश (ADG) विनीत कुमार गोयल आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले की शुरुआत में ही तीखी आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे। आरोप लगाया गया था कि उनके रहते नगर पुलिस ने कथित तौर पर शुरुआती जांच में लापरवाही बरती थी। इसके बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर चिकित्सकों ने उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। इस मांग को मानते हुए राज्य की ममता सरकार ने गोयल की जगह मनोज कुमार वर्मा को नियुक्त किया।

इससे पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंपा गया था। सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाईकोर्ट दोनों ने ही पीड़िता की पहचान उजागर करने पर कड़ी टिप्पणी की थी।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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