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24 घंटे में रूस कर सकते है नई मिसाइल का उपयोग, कर देगी यूरोप और नाटो के 60 देशों को तबाह !

रूस
यूक्रेन ने अमेरिकी लॉन्ग-रेंज मिसाइल ATACMS से रूस के कुर्स्क इलाके में हमला किया है। इसके जवाब में, रूस अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइल  "ओरेश्निक" को तैनात कर चुका है। अब यह मिसाइल राष्ट्रपति पुतिन के आदेश का इंतजार कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 24 घंटे में रूस इसका इस्तेमाल कर सकता है।  रूस की "ओरेश्निक" मिसाइल न केवल उसकी सैन्य ताकत का प्रदर्शन है बल्कि पश्चिमी देशों और नाटो को एक सीधी चेतावनी भी है। इस कदम से यूरोप में तनाव और बढ़ने की आशंका है। अब दुनिया पुतिन के अगले कदम का इंतजार कर रही है।  

यूरोप के 16 और 44 नाटो बेस रूस की रेंज में
"ओरेश्निक" मिसाइल की ताकत इतनी है कि यह न केवल यूक्रेन बल्कि यूरोप के 16 देशों में फैले  44 नाटो देशों को भी निशाना बना सकती है। इनमें पोलैंड, जर्मनी, रोमानिया, इटली, बेल्जियम और इंग्लैंड जैसे महत्वपूर्ण नाटो बेस शामिल हैं।  पुतिन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि यदि रूस की सीमा पर किसी भी देश ने लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल किया, तो वह जवाबी हमले में देर नहीं करेगा। अब "ओरेश्निक" का तैनात होना पश्चिमी देशों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।  

मिसाइल की अद्वितीय क्षमताएं  
12,300 किमी/घंटा, जिससे यह रडार की पकड़ से बाहर रहती है।  
5,500 किमी, एक बार लॉन्च होने पर कई देशों तक पहुंचने में सक्षम।  
एक साथ 6-8 टारगेट पर हमला करने की क्षमता।  
पारंपरिक और न्यूक्लियर दोनों तरह के हथियारों से लैस।  
यह दिशा और एंगल बदलकर दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देती है।  

नाटो बेस पर संभावित निशाने
पोलैंड : अमेरिकी एयरफोर्स और फॉरवर्ड ऑपरेटिंग साइट्स।  जर्मनी : रामस्टीन एयर बेस, जहां अमेरिकी और नाटो का मुख्यालय है।  
रोमानिया : नाटो के पूर्वोत्तर बेस और एजीस एशोर मिसाइल सिस्टम।  
इंग्लैंड : रॉयल एयर फोर्स बेस, जहां अमेरिका और नाटो के बड़े ऑपरेशन्स चलते हैं।  
बेल्जियम और इटली : अमेरिकी परमाणु हथियारों के ठिकाने।  

पश्चिमी देशों के लिए चुनौती  
रूसी सैन्य विशेषज्ञों का दावा है कि अमेरिका और नाटो के पास "ओरेश्निक" का जवाब नहीं है। इसकी गति और तकनीक इसे रोकने के लिए लगभग असंभव बनाती है। पश्चिमी देशों की मिसाइलें, जैसे "डार्क ईगल," स्पीड और रेंज में इससे काफी पीछे हैं।  

कितनी घातक है "ओरेश्निक"?
अगर यह मिसाइल रूस के अस्त्राखान से दागी जाती है, तो:  
पोलैंड : 8 मिनट में  
जर्मनी : 11 मिनट में  
बेल्जियम : 14 मिनट में  
इंग्लैंड : 19 मिनट में पहुंच सकती है। 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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