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स्वास्थ्य

लैंग्वेज से स्ट्रांग बनता है कैरियर

लीक लीक चले कायर, लीक चले कपूत
लीक से हटकर चलें दर्शन, शायर, सपूत।।

जी हां, वर्तमान में कैरियर के कई बेहतर विकल्प निकलकर सामने आ रहे हैं। इन विकल्पों में बहुत से विकल्प ऐसे हैं जो पैसा देते हैं मगर इनमें लाईफ का स्ट्रगल और फिल्ड की टफेस्टनेस काफी होती है। ऐसे में युवा कम रिस्की, अच्छी इनकम देने वाला और अच्छा रोजगार पाना चाहता है। यदि आपको नई तरह की भाषाऐं सीखना पसंद है और आप कई भाषाओं के लोगों से बात करना चाहते हैं तो आपके लिए केरियर का यह आप्शन काफी अच्छा साबित हो सकता है।

जी हां, आप दुभाषिए, ट्रांसलेटर आदि बन सकते हैं। हर दिन ग्लोबलाईजेशन का दायरा बढ़ता जा रहा है। लोगों की पहुंच बढ़ी है। दूसरी ओर विदेशों से भी काम को हायर किया जा रहा है। जिसके लिए कंपनियों को ऐसे लोगों की जरूरत है जिसके माध्यम से विदेशी भाषाओं का अच्छा ज्ञान मिल सकता है। यही नहीं बीते वर्षों में विदेशी भाषाओं का बोलबाला है। बड़ी संख्या में भारत के विद्यार्थी फ्रेंच, जर्मन, रशियन, चाइनीज, जापानीज, स्पेनिश और कोरियन आदि सीख रहे हैं देश के कई विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आने वाले समय में इस क्षेत्र में बहुत संभावनाऐं हैं।

यदि आपको अंग्रेजी, हिंदी, रशियन, फ्रेंच, जर्मन, बंगाली, मराठी, उडि़या, भोजपुरी, मद्रासी आदि भाषाऐं आती हैं तो आप विदेशी भाषाओं के ज्ञान के चलते दूतावास, अनुवादक, प्रशिक्षक या अन्य किसी तरह का रोजगार पा सकते हैं वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय या प्रादेशिक भाषा का ज्ञान होने पर आप इन क्षेत्रों की फिल्म इंडस्ट्री, एडर्वटाईजिंग, प्रोडक्शन आदि में बतौर लेखक, डबिंग आर्टिस्ट और अनुवाद क्षेत्र आदि में अपना हाथ आजमा सकते हैं।

 

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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