RO.No. 13047/ 78
राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय

मोदी सरकार ने दिया MP को तोहफा, यहां तीसरी और चौथी रेल लाइन को मिली मंजूरी.

नई दिल्ली
 नरेंद्र मोदी सरकार ने रेलवे के 3 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी. इन प्रोजेक्ट्स की अनुमानित लागत 7927 करोड़ रुपये है. यह परियोजनाएं महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लिए मंजूर की गई हैं. यह 3 प्रोजेक्ट्स रेल मंत्रालय के अंतर्गत आएंगे और इनसे रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 639 किलोमीटर का इजाफा होने की उम्मीद है.

जिन 3 प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दिखाई गई है वह इस प्रकार हैं- जलगांव-मनमाड चौथी लाइन, बुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन, प्रयागराज-माणिकपुर तीसरी लाइन. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य कनेक्टिविटी को बेहतर और यात्रा को सुगम बनाने के साथ-साथ लॉजिस्टिक कॉस्ट को घटाना है.

श्रद्धालुओं के लिए तोहफा
केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “इन प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स के तहत मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी रूट पर अतिरिक्त ट्रेनों को चलाकर कनेक्टिविटी को बढ़ाया जाएगा. इससे नासिक में ज्योतिर्लिंग, खंडवा में ओमकारेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी. इसके अलावा प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी जाने वाले तीर्थ यात्रियों का सफर भी सुगम होगा.” सरकार का मानना है कि यह प्रोजेक्ट्स खजुराहो, अजंता एलोरा की गुफाएं, देवगिरी फोर्ट, असिरगढ़ फोर्ट, रेवा फोर्ट, यवल वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी, क्योटी और पूर्वा फॉल्स जैसे टूरिस्ट अट्रेक्शन पर भी पर्यटन को बढ़ावा देंगे.

व्यापार को बढ़ावा
इन रूट्स पर कृषि उत्पाद, फर्टिलाइजर, कोयला, स्टील, सीमेंट और कंटेनर्स को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाएगा. सरकार ने कहा है कि यात्रा व ट्रांसपोर्ट के लिए रेलवे एक एनवायरमेंट फ्रेंडली साधन है जिससे लॉजिस्टिक कॉस्ट तो घटेगी ही पर्यावरण लक्ष्यों को पाने में मदद मिलेगी.

कृषि प्रोजेक्ट को भी मंजूरी
इस बीच, सरकार ने अगले दो वर्षों में ₹2,481 करोड़ के खर्च के साथ 7.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर एक करोड़ किसानों के बीच प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन की घोषणा की है.

ये परियोजनाएं हैं

जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किमी)
भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी)
प्रयागराज (इरादतगंज)-मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी)
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैक परियोजनाओं से परिचालन आसान होगा और भीड़भाड़ कम होगी, जिससे मुंबई और प्रयागराज के बीच सबसे व्यस्ततम खंडों पर आवश्यक अवसंरचना का विकास होगा.

तीर्थयात्रियों को मिलेगा लाभ

प्रस्तावित परियोजनाएं अतिरिक्त यात्री ट्रेनों के संचालन को सक्षम करके मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर परिवहन सुविधा बढ़ाएंगी, जिससे नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) स्थित ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ होगा.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

इसके अतिरिक्त, परियोजनाएं खजुराहो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, अजंता और एलोरा गुफाएं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, देवगिरी किला, असीरगढ़ किला, रीवा किला, यावल वन्यजीव अभयारण्य, केओटी जलप्रपात और पुरवा जलप्रपात जैसे विभिन्न आकर्षणों तक बेहतर पहुंच के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देंगी.

हो सकेगी अतिरिक्त माल ढुलाई

ये कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, इस्पात, सीमेंट, कंटेनर जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं. क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 51 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी. रेलवे पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन का साधन है, जिससे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने, देश की लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने, तथा कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन (271 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद मिलेगी, जो 11 करोड़ पेड़ लगाने से पर्यावरण को होने वाले लाभ के बराबर है.

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

RO.No. 13047/ 78

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button