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उत्तर मध्य रेलवे ने स्टेशनों पर मिलने वाले खानपान के 60 आइटमों के दाम बढ़ाये

ग्वालियर
 उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों से ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की जेब पर अब खानपान का बोझ बढ़ने जा रहा है। इसका कारण है कि रेलवे ने अब खानपान के 60 आइटमों को महंगा कर दिया है।

ये नई रेट लिस्ट अलाकार्ट यानी रेलवे स्टेशन पर बनाकर बेचने वाले आइटमों पर लागू होगी। इसके अंतर्गत स्टेशन पर अब 16 के बजाय 20 रुपये में दो समोसे मिलेंगे।

वहीं कचौड़ी के लिए भी यात्रियों को 12 के बजाय 15 रुपये चुकाने होंगे। रेलवे द्वारा एक आदेश जारी कर अपने सभी जन आहार केंद्र, रिफ्रेशमेंट रूम, स्टाल्स में बिकने वाले खाद्य पदार्थों के दामों में वृद्धि कर दी है।

इधर… ग्वालियर स्टेशन पर सेंसर हो रहा खराब तो बंद किया एस्केलेटर

ग्वालियर रेलवे स्टेशन पुनर्विकास योजना के अंतर्गत काम धीमी गति से चल रहा है। सवा दो साल बीतने के बाद भी स्टेशन का काम 55 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है। स्टेशन पर बने पुराने 36 सीढ़ियों वाले फुटओवर ब्रिज को हटाकर रेलवे ने 64 सीढ़ियों वाला नया एफओबी बना दिया।

साथ ही बगल में एस्केलेटर भी लगा दिया, लेकिन यह एस्केलेटर दिखावे का साबित हो रहा है। जानसन कंपनी के इस एस्केलेटर का सेंसर जरा सी हलचल को पकड़कर चालू हो जाता है और जब यात्रियों का आवागमन नहीं होता, तो स्वत: ही बंद हो जाता है।
19 एस्केलेटर और 21 लिफ्ट लगानी है

जब शुरूआत में कंपनी ने यह एस्केलेटर लगाया, तो कुछ ही दिन में इसका सेंसर खराब हो गया। ऐसे में अब सेंसर को खराब होने से बचाने के लिए एस्केलेटर को ही बंद कर दिया जाता है। चूंकि कंपनी को 19 एस्केलेटर और 21 लिफ्ट लगानी हैं और ये काम पूरा होने के बाद ही रेलवे को हैंडओवर होना है।
कंपनी के जिम्मे है मरम्मत का काम

ऐसे में एस्केलेटर खराब होने पर एक साल तक मरम्मत कंपनी के जिम्मे है। इसका नतीजा यह है कि यात्रियों को भारी-भरकम सामान लेकर सीढ़ियां चढ़नी-उतरनी पड़ रही हैं। हालांकि रेलवे के अधिकारियों का दावा है कि एस्केलेटर खराब होने की स्थिति में उसे तुरंत ठीक करने के प्रयास किए जाते हैं।

कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की तैयारी

नईदुनिया टीम ने बुधवार और गुरुवार को स्टेशन पर एस्केलेटर की स्थिति देखी, तो पाया कि ज्यादातर एस्केलेटर बंद ही रहता है। यात्रियों को सीढ़ियों से ही चढ़ना-उतरना पड़ रहा है। ये शिकायतें जब झांसी मंडल के अधिकारियों तक पहुंचीं, तो अब एस्केलेटर चालू रहे, इसके लिए बाकायदा 12-12 घंटों की शिफ्ट में आउटसोर्स कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की तैयारी की जा रही है।

Dinesh Kumar Purwar

Editor, Pramodan News

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